मुंबई, 28 दिसंबर: मुंबई की एक सत्र अदालत ने एक आदमी को मुआवजे के रूप में 1 लाख रुपये और उसकी पत्नी को 15,000 रुपये मासिक राशि में देने का आदेश दिया. महिला ने शिकायत की थी कि उसके पति ने इसके बजाय अन्य पुरुषों के साथ संबंध बना रहे थे. अदालत ने उस व्यक्ति को निर्देश दिया कि वह उसे 1 लाख रुपये का मुआवजा और 15,000 रुपये मासिक रखरखाव का भुगतान करे.
सत्र अदालत ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा और उस महिला के पक्ष में फैसला सुनाया जिसने आरोप लगाया था कि उसके पति ने उनकी शादी नहीं निभाई.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने कोर्ट को बताया कि उनके पति शादी निभाने के बजाय दूसरे पुरुषों के साथ संबंध बना रहे थे. अदालत ने यह भी कहा कि घरेलू हिंसा केवल शारीरिक हिंसा या दुर्व्यवहार तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसमें यौन, मौखिक, भावनात्मक और आर्थिक दुर्व्यवहार भी शामिल है.
अपनी शिकायत में, महिला ने कहा कि उसका पति, एक सरकारी कर्मचारी, अन्य पुरुषों के साथ संबंध रखता था. कथित तौर पर कपल ने 2016 में शादी की थी.
न्यायाधीश ने कहा कि यह अच्छी तरह से समझा जा सकता है कि महिला निश्चित रूप से अपने पति और ससुराल वालों द्वारा भावनात्मक और मानसिक शोषण का शिकार हो रही थी. महिला ने 2018 में मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष अपने पति, एक सरकारी कर्मचारी और 60 वर्षीय सास, एक सेवानिवृत्त स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी. मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मुआवजा देने का आदेश दिया था जिसके बाद पति ने सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
महिला ने कहा कि उसने अपने पति के करीब आने की कोशिश की थी लेकिन वह हमेशा असफल रही. महिला ने बताया कि वह जनवरी 2017 तक कोशिश करती रही, लेकिन उसका पति उसे धक्का देकर भगा देता था. महिला ने आगे कहा कि वह देर से घर आने लगा और जब उससे पूछताछ की जाती तो वह काम के दबाव की शिकायत करता, महिला ने कहा कि उसने अपनी सास से भी स्थिति के बारे में बात की, लेकिन उसने कोई मदद नहीं की.
महिला ने दावा किया कि मार्च 2017 में, जब उसका पति सो रहा था तो उसने फोन चेक किया. वह यह जानकर चौंक गई कि उसके पति का अन्य पुरुषों के साथ संबंध हैं.