मुंबई: गलवान घाटी(Galvan Valley) में 15 जून की रात चीन के साथ हुए झड़प में जान गवाने वाले भारतीय शहीद जवानों के प्रति पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. हर कोई चाहता है कि चीन के खिलाफ कार्रवाई हो. क्योंकि चीन के धोखे के चलते देश के 20 जवानों की जान गई है. चीन की इस नापाक हरकत के विरोध में ही मुंबई के घाटकोपर (Ghatkopar) इलाके में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकताओं ने सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों ने चीन का पोस्टर पोस्टर फाड़ने के साथ ही चीन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
इसके पहले भारत और चीन के बीच बड़े तनाव को लेकर पिछले हफ्ते पीएम मोदी विपक्षी पार्टी के नेताओं के साथ एक सर्वदलीय बैठक की. बैठक में सभी पार्टी के नेताओं ने इस मुसीबत की घड़ी में अपने को प्रधानमंत्री के साथ खड़े होने की बात कही. जिसके बाद पीएम मोदी ने भी गलवान घाटी की घटना को लेकर कहा कि शहीद हुए जवानों की शहादत बेकार नहीं जायेगी. यह भी पढ़े: India-China Face-Off in Ladakh: गलवान घाटी पर विदेश मंत्रालय का बयान-LAC के पार भारत ने कभी कोई कार्रवाई नहीं की, चीन का दावा पूरी तरह गलत
चीन के खिलाफ मनसे का विरोध प्रदर्शन:
मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने घाटकोपर इलाके में चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। भारत-चीन के बीच 15-16 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 जवानों की जान चली गई थी। pic.twitter.com/vnvx4iPevn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 22, 2020
हालांकि विपक्षी नेताओं में राहुल गांधी इस घटना के बाद लगातार पीएम मोदी से सवाल पूछ रहे हैं कि भारतीय सैनिक निहत्थे क्यों थे. उन्हें निहत्थे क्यों चीनी सेना के पास बातचीत के लिए जाने दिया गया. पीएम मोदी को इसके बारे में जवाब देना चाहिए. वही एक दिन पहले उन्होंने तो प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए सरेंडर मोदी कहा है. जिसका भारतीय जनता पार्टी के नेता विरोध कर रहे हैं.