गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत और चीन (China) के बीच हुई झड़प को लेकर एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने बड़ा दावा किया है. ऑस्ट्रेलियाई न्यूज पेपर ने दावा किया है कि गलवान में झड़प के दौरान आधिकारिक संख्या से कई गुना अधिक चीनी जवान मारे गए थे. ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार में बुधवार को यह दावा किया कि गलवान घाटी में 2020 में हुई झड़प में चीन को उससे कहीं ज्यादा नुकसान हुआ था, जितना कि उसने दावा किया था. साथ ही, कई चीनी सैनिक तेज धारा वाली नदी पार करते हुए अंधेरे में डूब गए थे. चीनी सेना को भारतीय सेना का करारा जवाब, नए साल पर जवानों ने गलवान घाटी में फहराया तिरंगा.
‘द क्लैक्सन’ की खबर में अनाम शोधकर्ताओं और चीन के ब्लॉगरों का हवाला दिया गया है. इसमें कहा गया है कि सुरक्षा कारणों से उन्होंने अपना नाम उजागर नहीं किया, लेकिन उन्होंने जो पता लगाया उससे गलवान की घटना पर पर्याप्त रौशनी पड़ती हुई प्रतीत होती है.
खबर में कहा गया है, “चीन को हुए नुकसान के दावे नए नहीं हैं लेकिन सोशल मीडिया शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा दिए गए साक्ष्यों से, जिन पर द क्लैक्सन की खबर आधारित है, ऐसा प्रतीत होता है कि चीन को हुआ नुकसान बीजिंग द्वारा बताये गए चार सैनिकों से कहीं ज्यादा था.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि उस रात वांग के साथ कम से कम 38 पीएलए सैनिक डूबकर मरे थे. चीनी सैनिकों के अधिक संख्या में हताहत होने को लेकर रिपोर्ट में मुख्य भूमि चीनी ब्लॉगर्स के साथ चर्चा, कुछ चीनी नागरिकों से प्राप्त जानकारी और मीडिया रिपोर्टों से जुड़ी एक साल की लंबी जांच का हवाला दिया गया है.
खबर में कहा गया कि इससे यह भी पता चलता है कि बीजिंग उस झड़प के बारे में चर्चा नहीं करने के लिए किस हद तक जा सकता है. ऑस्ट्रेलिया के दावे से एक बार फिर साबित हो गया है कि चीन किस तरह बड़े पैमाने पर झूठ बोलता है.
भारत के 20 जवान हुए थे शहीद
भारत ने कहा था कि जून 2020 में गलवान घाटी संघर्ष में उसके 20 सैनिक शहीद हुए थे. 15 जून और 16 जून, 2020 की रात में आमने-सामने की लड़ाई में कई सैनिक हताहत हुए थे. चीनी सेना की कार्रवाई को लेकर गतिरोध के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर झड़प हुई. चीन हमेशा ने अपने कुल सैनिकों के हताहतों की संख्या का खुलासा करने से बचता रहा.