Future Chief Minister: मनसे प्रमुख राज ठाकरे को बताया गया 'भविष्य का सीएम', लगाए गए बैनर
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की रैली से कुछ घंटे पहले पार्टी अध्यक्ष राज ठाकरे को 'भविष्य का मुख्यमंत्री' घोषित करने वाले बैनर बुधवार को दादर के छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क के आसपास देखे गए. शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज आज शाम (बुधवार) एक बड़ी रैली को संबोधित करने वाले हैं, जिसके लिए हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं ने नासिक, पुणे, रायगढ़ और मुंबई के कुछ हिस्सों से आना शुरू कर दिया है.
मुंबई, 22 मार्च : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की रैली से कुछ घंटे पहले पार्टी अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) को 'भविष्य का मुख्यमंत्री' घोषित करने वाले बैनर बुधवार को दादर के छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क के आसपास देखे गए. शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज आज शाम (बुधवार) एक बड़ी रैली को संबोधित करने वाले हैं, जिसके लिए हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं ने नासिक, पुणे, रायगढ़ और मुंबई के कुछ हिस्सों से आना शुरू कर दिया है.
महाराष्ट्र नव वर्ष गुड़ी पड़वा पर रैली के लिए माहौल तैयार करते हुए मनसे की दादर इकाई के प्रमुख लक्ष्मण पाटिल ने महाराष्ट्र के लोगों के मन में 'हिंदू जननायक' और 'भविष्य के मुख्यमंत्री' का दर्जा देने वाले बैनर लगाए हैं. पोस्टरों को शिवसेना भवन के सामने लगाया गया है, जिसे उद्धव ठाकरे द्वारा नियंत्रित किया जाता है. इसे शिवसेना (यूबीटी) का गढ़ माना जाता है. बैनरों ने राजनीतिक बहस छेड़ दी है, खासकर तब जब 17 साल पुरानी पार्टी मनसे के 288 सदस्यीय विधानसभा में केवल एक ही विधायक है. इसका नेतृत्व बालासाहेब ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे के हाथ में है. यह भी पढ़ें : Nikki Yadav Murder Case: आरोपी को आज दिल्ली की अदालत में किया जाएगा पेश
इससे पहले, उनके भतीजे और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को 'भविष्य के सीएम' के रूप में चित्रित करने वाले पोस्टर-बैनर थे, फिर जयंत पाटिल, अजीत पवार और सुप्रिया सुले जैसे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं को 'भविष्य के मुख्यमंत्री' टैग के साथ पोस्टर और सत्तारूढ़ सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित विभिन्न दलों के अन्य नेताओं को देखा गया.
राजनीतिक हलकों का कहना है कि मनसे के नवीनतम पैंतरेबाजी का उद्देश्य आगामी निकाय चुनाव और 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले एक मजबूत 'हिंदुत्व समर्थक' छाप बनाना है. राज ठाकरे की शिंदे और भाजपा के शीर्ष नेताओं से दोस्ती रही है, उन्होंने अब तक उनके साथ किसी भी गठबंधन पर अपनी राजनीतिक रणनीति घोषित नहीं की है.