नई दिल्ली, 8 जुलाई: चुनाव प्रचार के दौरान शुक्रवार को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गोली मारकर हत्या (Former Japanese Prime Minister Shinzo Abe shot dead) कर दी. इससे भारत के दो नेताओं समेत दुनिया के कई राष्ट्र प्रमुखों की इसी तरह हुई हत्याओं के मामलों की याद ताजा हो गई. Shinzo Abe Death Video: शिंजो आबे की हत्या का वीडियो आया सामने, दूसरी गोली लगते ही गिर पड़े पूर्व प्रधानमंत्री
आबे (67) को देश के पश्चिमी हिस्से के नारा में शुक्रवार को भाषण शुरू करने के कुछ मिनटों बाद हमलावर ने पीछे से गोली मार दी. आबे को विमान से एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. पुलिस ने घटनास्थल पर ही संदिग्ध हमलावर को गिरफ्तार कर लिया.
भारत में 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. वहीं, उनके बेटे एवं पूर्व प्रधानमंत्री की भी 1991 में हत्या कर दी गई थी. ‘आयरन लेडी’ के नाम से मशहूर देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो अंगरक्षकों ने 31 अक्टूबर 1984 की सुबह गोली मारकर हत्या कर दी थी. दिल्ली में सफदरजंग रोड स्थित आवास से निकलने के दौरान गांधी को कई गोलियां मारी गई थीं. उन्हें तत्काल एम्स ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें नहीं बचा सके.
इंदिरा गांधी के निधन के बाद उनके बेटे राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री पद संभाला और वह 1989 तक इस पद पर रहे. 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में चुनावी रैली के दौरान एक महिला आत्मघाती ने राजीव गांधी की हत्या कर दी. इसके अलावा, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और अमेरिका समेत अन्य कई देशों में भी राष्ट्र प्रमुखों अथवा शीर्ष नेताओं की हत्या की घटनाएं हो चुकी हैं.
अमेरिकी गृहयुद्ध के दौरान देश का नेतृत्व करने वाले 16वें अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की 14 अप्रैल, 1865 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हमले को जॉन विल्क्स बूथ ने अंजाम दिया था जो वाशिंटगन के एक थिएटर से जुड़ा था. अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की 22 नवंबर 1963 को डलास में हत्या कर दी गई थी.
बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की 15 अगस्त 1975 को ढाका में हत्या कर दी गई थी. वहीं, बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे जिया-उर-रहमान की मई 1981 में चित्तागोंग में हत्या की गई थी.
वहीं, पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की रावलपिंडी में 16 अक्टूबर 1951 को एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान हत्या कर दी गई थी. रावलपिंडी में ही 27 दिसंबर 2007 को एक चुनावी सभा को संबोधित करने के दौरान आत्मघाती हमलावर ने पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या कर दी गई थी.
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