रांची, 4 फरवरी : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य के धनबाद कोयलांचल में कोयले के अवैध खनन और तस्करी को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. शुक्रवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोयले की संगठित लूट को राज्य सरकार और प्रशासन का संरक्षण हासिल है. कई बार तो ऐसा लगता है कि राज्य में लुटेरों की ही सरकार चल रही है. बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों और नेताओं के एक दल ने गुरुवार को धनबाद के निरसा और बलियापुर में उन खदानों का दौरा किया, जहां पिछले दिनों अवैध कोयला खनन के दौरान चाल धंसने से लगभग एक दर्जन लोगों की मौत हो गयी थी.
मरांडी ने कहा कि इन इलाकों के दौरे से यह जमीनी सच्चाई सामने आ गयी है कि प्रशासन और माफिया मिलकर बीसीसीएल और इसीएल की खदानों से बड़े पैमाने पर कोयले की अवैध माइनिंग करा रहे हैं. जहां कोयला कंपनियों को अरबों का नुकसान हो रहा है, वहीं इस लूट में प्रशासन के अधिकारी भी बराबर के हिस्सेदार हैं. अवैध तरीके से निकाले जाने वाले कोयले की हर बोरी पर प्रशासन और माफिया ने 80 रुपये का रेट फिक्स कर रखा है. अवैध माइनिंग के चलते खदानों में सुरंगें बन गयी हैं, जहां आये रोज होने वाले हादसों में गरीब मजदूरों की जान जा रही है. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मांग की कि कोयले की इस संगठित लूट की सीबीआई जांच करायी जानी चाहिए. यह भी पढ़ें : UP Assembly Election 2022: चंद्रशेखर आजाद ने पुलिस अधिकारियों को हटाने की मांग की
मरांडी ने कहा कि निरसा और बलियापुर स्थित खदानों में चाल धंसने से जिन लोगों की मौत हुई है, उनके बारे में प्रशासन का कहना है कि वे कोयला चुनने गये थे. प्रशासन इलाके में चल रहे अवैध खनन पर पर्दा डालना चाहता है. हकीकत यह है कि पुलिस-प्रशासन के एक-एक अधिकारी माफिया से मिले हुए हैं. प्रशासन खदान की चाल धंसने से मरने वालों की संख्या मात्र पांच बता रहा है, जबकि इससे कहीं अधिक संख्या में लोग मारे गये हैं. उन्होंने प्रशासन के अधिकारियों को इस बारे में जानकारी भी दी है. धनबाद के गोपीनाथपुर, कापासारा एवं दहीबाड़ी का दौरा करने वाले भाजपा के दल में धनबाद के विधायक राज सिन्हा एवं निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता भी शामिल थे.