देश के कुल फूड मार्केट में प्रोसेस्ड फूड की हिस्सेदारी 32 फीसदी है (Photo: Twitter)
किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए सरकार कई मोर्चों पर काम कर रही है. किसानों के खाते में सीधे पैसे पहुंचाने के साथ-साथ उनके फसलों को उचित बाजार मुहैया कराना भी सरकार की बड़ी प्राथमिकता है. किसानों की फसलों को उचित दाम दिलाने के लिए फसलों का प्रसंस्करण यानी प्रोसेसिंग एक बड़े कारोबारी संभावना के तौर पर उभरी है. प्रोसेसिंग के जरिए न केवल खेती बाड़ी को इंडस्ट्री के साथ जोड़ा जा सकता है, बल्कि इसके निर्यात को खोलने पर आमदनी और रोजगार में भी बढ़ोतरी होती है.
किसानों को प्रोसेसिंग में मदद करने और लागत कम करने के लिए स्टार्टअप कंपनियों में भी संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं. किसानों की आमदनी में बढ़त के साथ-साथ लोगों को स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए भी स्टार्टअप इकोसिस्टम काफी मदद कर सकता है.
इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए एग्री इंफ्रा फ्रंट
हाल ही में पीएम मोदी ने भी फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को लेकर कहा था, “आज लोगों में खानपान को लेकर जो जागरूकता बढ़ी है, जो हेल्दी बदलाव हो रहा है. उसमें स्टार्टअप के लिए नए अवसर बन रहे हैं. एक तरह से आज अगर कोई एवरग्रीन सेक्टर है तो वो फूड एवं एग्रीकल्चर सेक्टर है. भारत में इन सेक्टर के ग्रोथ पर विशेष जोर दिया जा रहा है. एग्रीकल्चर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए देश में एक लाख करोड़ का एग्री इंफ्रा फ्रंट भी बनाया है. इससे हमारे स्टार्टअप के लिए नए रास्ते खुलेंगे. आज स्टार्टअप किसानों के साथ कोलोब्रेशन कर रहे हैं. फार्म से टेबल तक खाद्य उत्पाद आसानी से बेहतर क्वालिटी के साथ पहुंचे इसमें भी स्टार्टअप अपनी भूमिका निभा रहे हैं.”
फूड प्रोसेसिंग और स्टार्टअप के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदम
> देश के कुल फूड मार्केट में प्रोसेस्ड फूड की हिस्सेदारी 32 फीसदी है.
> भारत में कुल खाद्य उत्पादन का 10 फीसदी ही प्रोसेस किया जाता है.
> भारत के कुल निर्यात में प्रोसेस्ड फूड की हिस्सेदारी 13 फीसदी है.
> फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए पीएम किसान संपदा योजना के तहत देश में मेगा फूड पार्क बनाने की योजना जारी है.
> जो भी निजी कंपनी फूड पार्क स्थापित करेगी उसे 30 महीनों में मेगा पार्क बना कर उसे चलाना होगा.
> सरकार इसके तहत 50 से 75 फीसदी तक का वित्तीय अनुदान देगी.
> 2025-26 तक भारत के फूड प्रोसेसिंग बाजार को 535 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है.
> भारत में प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव योजना यानी पीएलआई स्कीम में फूड प्रोसेसिंग के लिए भी 10,900 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
> वैल्यू एडिशन और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए ऑपरेशन ग्रीन का दायरा बढ़ा दिया गया है.
> ऑपरेशन ग्रीन में टमाटर, आलू और प्याज के अलावा 22 और फसलों को शामिल किया गया है.
> किसानों की मदद करने के लिए माइक्रो फूड प्रोसेसिंग के लिए 10,000 करोड़ की व्यवस्था अलग से की जा रही है.
> फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में विदेशी तकनीक और निवेश को बढ़ावा देने के लिए ऑटोमेटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी गई है.
> 2019-20 में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में 905 बिलियन डॉलर का एफडीआई आया. वहीं कोविड के दौरान पूरी दुनिया में मार्च 2020 से लेकर अब तक प्रोसेस्ड फूड के निर्यात में 27 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
भारत में भी इस सेक्टर में काफी बढ़ोतरी हुई और ये ट्रेंड और आगे भी रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है. एग्री इंफ्रा फ्रंट में एक लाख करोड़ के निवेश के साथ-साथ इस बजट में एग्री इंफ्रा सेस का इस्तेमाल भी फूड प्रोसेसिंग और फूड टेक स्टार्टअप को काफी मदद पहुंचाएगा.