
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बैंकों और बीमा कंपनियों को पूर्ण सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि "देश के नागरिकों और कारोबारियों को किसी भी हालात में बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए." वित्त मंत्री ने शुक्रवार को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों के MDs और CEOs के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य था साइबर सुरक्षा और संकट प्रबंधन की तैयारी की समीक्षा करना.
सीतारमण ने कहा कि डिजिटल और फिजिकल दोनों बैंकिंग सेवाएं बिना किसी रुकावट के जारी रहनी चाहिए. इसके लिए उन्होंने निम्न बिंदुओं पर जोर दिया:
- ATM में नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित हो.
- UPI, इंटरनेट बैंकिंग जैसी डिजिटल सेवाएं बिना बाधा चलती रहें.
- बैंक शाखाएं पूरी क्षमता से काम करती रहें.
- आपातकालीन प्रोटोकॉल को अपडेट और नियमित रूप से टेस्ट किया जाए.
- सीमा क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों की सुरक्षा भी सर्वोच्च प्राथमिकता.
कोई भी संकट आए, बैंकिंग सेवाएं न रुकें
FM Sitharaman asks banks to remain fully alert to deal with any crisis and ensure uninterrupted banking services.
Finance Minister Nirmala Sitharaman reviews banking sector operational, cybersecurity preparedness in view of Indo-Pak conflict. pic.twitter.com/NabSCCQ6ge
— Press Trust of India (@PTI_News) May 9, 2025
वित्त मंत्री ने सीमा क्षेत्रों में काम कर रहे बैंक कर्मचारियों और उनके परिवारों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने निर्देश दिया कि इन क्षेत्रों में काम कर रहे बैंक अधिकारियों के लिए स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
साइबर हमलों से निपटने के लिए चौकसी जरूरी
बैठक में यह भी कहा गया कि बैंक अपनी साइबर सुरक्षा प्रणालियों और डेटा सेंटर्स का नियमित ऑडिट करें. उन्होंने बैंकों को निर्देश दिया कि:
- सभी डिजिटल और कोर बैंकिंग सिस्टम फायरवॉल से सुरक्षित हों और 24x7 निगरानी में रहें.
- प्रत्येक बैंक मुख्यालय स्तर पर दो वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति करें. एक साइबर मामलों की रिपोर्टिंग के लिए और दूसरा बैंक शाखाओं और ATM संचालन की निगरानी के लिए.
- किसी भी घटना की रिपोर्ट सीईआरटी-इन (CERT-In), DFS और संबंधित एजेंसियों को तुरंत की जाए.
बीमा कंपनियों को निर्देश
वित्त मंत्री ने बीमा कंपनियों को भी निर्देश दिए कि वे किसी भी आपात स्थिति में क्लेम सेटलमेंट में देरी न करें और ग्राहकों को निरंतर सेवाएं मिलती रहें.