Fish Prasadam: हैदराबाद में आज दिया जाएगा फिश प्रसादम, इसके सेवन से अस्थमा रोगियों को होता है फायदा
बथिनी गौड़ परिवार ने घोषणा की है कि वे 8 जून को हैदराबाद के प्रदर्शनी मैदान में लोकप्रिय मछली प्रसादम मृगसिरा कार्ति वितरित करेंगे. यह आयोजन आमतौर पर हजारों अस्थमा रोगियों को आकर्षित करता है, जो मानते हैं कि प्रसाद का सेवन करने से उनकी बीमारी कम हो जाएगी.
Fish Prasadam in Hyderabad: बथिनी गौड़ (Bathini Goud) परिवार ने घोषणा की है कि वे 8 जून को यानी आज हैदराबाद (Hyderabad) के प्रदर्शनी मैदान में लोकप्रिय मछली प्रसादम (Fish Prasadam) मृगसिरा कार्ति (Mrigasira Karte) वितरित करेंगे. यह आयोजन आमतौर पर हजारों अस्थमा रोगियों (Asthma Patients) को आकर्षित करता है, जो मानते हैं कि प्रसाद का सेवन करने से उनकी बीमारी कम हो जाएगी. परिवार ने पुष्टि की कि उन्होंने कार्यक्रम के लिए सरकार से अनुमति ले ली है और पुलिस सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करेगी. प्रसादम की तैयारी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. परिवार के सदस्य प्रसाद का एक छोटा टुकड़ा जीवित मुरेल मछली के मुंह में रखते हैं, जिसे बाद में रोगी पूरा निगल लेता है. बथिनी अनुरीत गौड़ और गौरी शंकर गौड़ ने खुलासा किया कि मछली प्रसादम के वितरण से पहले, सत्यनारायण व्रतम और भावी पूजा सहित विशेष पूजाएं आयोजित की जाती हैं.
बथिनी परिवार (Bathini Family) 8 जून को सुबह 11 बजे से 9 जून की सुबह 10 बजे तक हैदराबाद (Hyderabad) में मरीजों को मछली प्रसाद (Fish Prasadam) वितरित करेगा. इस प्रसादम को लेकर लोगों का मानना है कि इससे अस्थमा और सांस जैसी बीमारियां ठीक होती हैं. बथिनी अमरनाथ गौड़ (Amarnath Goud) का परिवार मछली प्रसाद वितरित करता है और इसका वितरण मृगसिरा कार्ति (Mrigasira Karti) के दिन किया जाता है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार मानसून की शुरुआत का प्रतीक है. यह भी पढ़ें: Fish Medicine in Hyderabad 2024 Date and Time: 8 जून को हैदराबाद में दिया जाएगा मछली प्रसादम, लोगों का मानना- इससे अस्थमा होता है ठीक
'मछली प्रसादम' में मुरेल मछली और हर्बल पेस्ट शामिल है. हालांकि वैज्ञानिकों और तर्कवादियों ने 'मछली प्रसादम' के औषधीय गुणों पर सवाल उठाया है, बावजूद इसके हर साल लोग मछली प्रसादम को लेने के लिए शहर में आते हैं. कुछ समय पहले ही अमरनाथ गौड़ ने बताया था कि जिस दिन मछली प्रसादम का वितरण किया जाता है, उस दिन जीवित फिंगरलिंग के मुंह में एक पीला हर्बल पेस्ट (प्रसादम) डालते हैं, फिर इस जीवित मछली को रोगी को निगलने के लिए दिया जाता है. हालांकि जो लोग शाकाहारी हैं, उनके लिए गुड़ के साथ अलग प्रसादम तैयार किया जाता है, लेकिन शाकाहारियों को लंबे समय तक प्रसाद लेने की जरूरत है.