भारत के लिए खतरे की घंटी! Delta Plus वेरियंट से उज्जैन में हुई पहली मौत, 8 राज्यों में संक्रमित मिलने के बाद सरकार ने चेताया

देश के कई हिस्सों में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरियंट के करीब 40 मामले सामने आए हैं. जबकि मध्य प्रदेश में इसकी चपेट में आने से एक महिला की मौत होने की पुष्टि हुई है. इसी के साथ एक नए खतरे की घंटी भी सुनाई दे रही है.

कोविड (Photo Credits: PTI)

भोपाल: देश के कई हिस्सों में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरियंट के करीब 40 मामले सामने आए हैं. जबकि मध्य प्रदेश में इसकी चपेट में आने से एक महिला की मौत होने की पुष्टि हुई है. इसी के साथ एक नए खतरे की घंटी भी सुनाई दे रही है. अब तक महाराष्ट्र में नए स्ट्रेन के कुल 21 मामले, मध्य प्रदेश में छह, केरल और तमिलनाडु में तीन-तीन, कर्नाटक में दो और पंजाब, आंध्र प्रदेश और जम्मू में एक-एक मामले पाए गए हैं. कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के हावी होने की आशंका, 85 देशों में सामने आए मामले

मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में डेल्टा प्लस कोविड वेरियंट से दो लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है जिनमें से एक महिला की 23 मई को मौत हो चुकी है. जिला प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि संक्रमित महिला की मौत पाटीदार अस्पताल में 23 मई को घातक वायरस से हुई थी. उसके नमूने को 14 अन्य लोगों के नमूनों के साथ अनुवांशिकी अनुक्रमण के लिए भोपाल स्थित प्रयोगशाला भेजा गया था. इन 15 नमूनों में से दो लोगों में डेल्टा प्लस के संक्रमण की पुष्टि हुई.

हालांकि, जिला प्रशासन ने यह नहीं बताया कि नमूनों की अनुवांशिकी अनुक्रमण की रिपोर्ट कब मिली. प्रशासन ने कहा कि इन दोनों मरीजों के संपर्क में आए 21 लागों की आरटी-पीसीआर जांच की गई लेकिन कोई कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं मिला. उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि डेल्टा प्लस से जिले में खतरा नहीं है लेकिन लोगों को एहतियातों का अनुपालन करना चाहिए.

उधर, महाराष्ट्र में घातक डेल्टा प्लस वेरिएंट के कम से कम 21 मामले सामने आए हैं. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने हाल ही में इसकी जानकारी दी है. गंभीर चिंता जताते हुए उन्होंने सोमवार को कहा, '' हमें राज्य में अब तक डेल्टा वेरिएंट के 21 मामले मिले हैं.'' इसके रत्नागिरी में 9 और मुंबई में 2 मरीज मिले है. इसके अलावा, पालघर, ठाणे और सिंधुदुर्ग जिलों में एक-एक मामलों की पुष्टि की गई है, जबकि जलगांव में सात अन्य मामलों का पता चला है. राज्य के हर जिले से डेल्टा वेरिएंट के नमूने 100 की दर से एकत्र किए जा रहे हैं. इस वेरियंट के संक्रमण का पहला मामला महाराष्ट्र से पांच अप्रैल को एकत्र किए गए नमूने में मिला.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में डेल्टा प्लस वेरिएंट के लगभग 40 मामले सामने आए हैं. इसे ‘चिंताजनक स्वरूप’ (वीओसी) के रूप में वर्गीकृत किया है. हालांकि अभी इसकी मौजूदगी में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं देखी गई है. हालांकि केंद्र ने महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिवों को सलाह दी गई है कि वे भीड़ को रोकने, व्यापक परीक्षण, शीघ्र ट्रेसिंग और वैक्सीन कवरेज सहित विभिन्न जिलों और समूहों में तत्काल रोकथाम के उपाय करें.

आईएनएसएसीओजी (भारतीय सार्स-सीआकवी-2 जीनोमिक कंसोर्टिया) ने हाल में वायरस के इस वेरियंट (डेल्टा, बी.1.617.2) की पहचान की थी. आईएनएसएसीओजी कोविड के कारण वायरस के जीनोम अनुक्रमण को लेकर साथ काम करने वाले 28 प्रयोगशालाओं के एक समूह ने कहा कि डेल्टा प्लस के बारे में अभी भी जांच की जा रही है. यह स्पाइक प्रोटीन में एक म्यूटेशन का एक प्रकार है, जो वायरस को मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है. इस वेरिएंट बारे में बहुत कम जानकारी है, जो अब भारत के अलावा नौ देशों - अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, जापान, पोलैंड, रूस और चीन में मौजूद है.

केंद्र सरकार के अनुसार, डेल्टा प्लस, 80 देशों में फैले डेल्टा स्ट्रेन की तरह, अत्यधिक संक्रामक है और तेजी से फैल रहा है. सरकार ने कहा कि भारत में इस्तेमाल होने वाले दो वैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सिन, डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं, डेल्टा प्लस पर वे कैसे काम करते हैं, इस पर डेटा बाद में साझा किया जाएगा.

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