Agniveer Recruitment policies: अग्निवीरों को कॉर्पोरेट कंपनियां में मिलेगा अलग से आरक्षण, भर्ती नीतियों में होगा बदलाव
अग्निवीर

केंद्र सरकार की सेनाओं को लेकर लिए गए ऐतिहासिक निर्णय 'अग्निपथ योजना' को युवाओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है. ऐसे में अग्निपथ योजना के तहत सेना में शामिल हुए अग्निविरों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार भी प्रतिबद्ध है. एक बड़े फैसले के तहत अग्निपथ योजना के अंतर्गत सेनाओं में चार साल की सेवा देने के बाद अग्निवीरों को कॉर्पोरेट कंपनियों में अलग से आरक्षण मिलेगा. इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने भारतीय रक्षा उद्योग के साथ बातचीत की है, ताकि कॉर्पोरेट भर्ती योजना के तहत पूर्व अग्निवीरों के लिए रोजगार के अवसर तलाशे जा सकें. यह भी पढ़ें: हवाई अड्डों पर 'डिजी यात्रा' सेवा शुरू, जानें यात्रियों को अब कैसे मिलेगी एंट्री

हालांकि, इससे पहले ही सरकार ने रक्षा मंत्रालय से जुड़ी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है, जिसमें भारतीय तटरक्षक बल समेत 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हैं. केंद्र सरकार का ऐतिहासिक निर्णय है 'अग्निपथ योजना' केंद्र सरकार ने तीनों सेनाओं में कमीशन अधिकारियों के पद से नीचे के सैनिकों की भर्ती के लिए 16 जून को 'अग्निपथ' योजना शुरू की है। इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले जवानों को ‘अग्निवीर’ के नाम से जाना जाएगा. चार वर्ष की सेवा के पश्चात 25 प्रतिशत अग्निवीरों को उनकी कुशलता के आधार पर स्थाई किया जाएगा.

स्थाई कैडर का हिस्सा बन जाने के पश्चात अग्निवीरों को बाकी जवानों की ही तरह पेंशन और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. चार साल बाद सेवा समाप्ति होने पर अग्निवीरों को उनकी कुशलता के मुताबिक स्किल सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जो भविष्य में उनके लिए रोजगार के रास्ते खोलेगा. रक्षा मंत्रालय से जुड़ी नौकरियों में 10 % आरक्षण लागू सरकार ने पहले से ही रक्षा मंत्रालय से जुड़ी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है, जिसमें भारतीय तटरक्षक बल समेत 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हैं. इसके अलावा केंद्रीय और राज्य पुलिस बल में भी अग्निवीरों को तरजीह दिए जाने का प्रावधान किया गया है.

अब रक्षा मंत्रालय ने पूर्व अग्निवीरों के लिए रोजगार के अवसरों की तलाश के क्रम में सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स के साथ बातचीत की है. भारतीय कंपनियों की कॉर्पोरेट भर्ती योजना के तहत बातचीत सत्र की अध्यक्षता रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने की. इस चर्चा में एलएंडटी, अदानी डिफेंस लिमिटेड, टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड, अशोक लेलैंड सहित अन्य प्रमुख भारतीय रक्षा उद्योगों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. अपने कार्यकाल के बाद भी अग्निवीरों को मिल सकेगा रोजगार राष्ट्र निर्माण में जुटे विभिन्न क्षेत्रों में अत्यधिक समर्पित और अनुशासित युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से सशस्त्र बलों के साथ अपने कार्यकाल के बाद अग्निवीरों की विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए सरकार के प्रयास पर प्रकाश डाला.

कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने सरकार के इस प्रयास में अपना निरंतर समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई. साथ ही आश्वासन दिया कि कौशल क्षमता के आधार पर अग्निवीरों को नौकरी देने के लिए भर्ती नीतियों में उपयुक्त प्रावधान किए जाएंगे. रक्षा सचिव ने प्रतिभागियों की उत्साहजनक प्रतिक्रिया को स्वीकार करते हुए भारतीय रक्षा निर्माताओं से अपनी प्रतिबद्धता पर कार्य करने और कॉर्पोरेट भर्ती योजनाओं के तहत उनसे जल्द से जल्द नीतिगत घोषणा करने का आग्रह किया.

भूतपूर्व सैनिकों के लिए भी केंद्र सरकार उठा रही कई कदम देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले सैनिक उस देश के लिए आन-बान-शान होते हैं। सुरक्षाबल अपनी जान की प्रवाह किए बगैर देश की सुरक्षा में दिन रात लगे रहते हैं. ऐसे में देश के वीरों के कल्याण के प्रति केंद्र सरकार भी प्रतिबद्ध है. केंद्र सरकार द्वारा उनके कल्याण के लिए किए गए पहलों में ‘भारत के वीर’ पोर्टल भी शामिल है, जिसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के अधिकारियों और जवानों के कल्याण के लिए लॉन्च किया गया था.

साथ ही एक अन्य पहलों में सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों (ESM) के अनाथ संतानों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को 1,000 रुपए से बढ़ाकर 3,000 रुपए प्रति माह करने को मंजूरी दी है। इसके अलावा हाल ही में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष में योगदान के लिए ‘मां भारती के सपूत’ वेबसाइट (www.maabharatikesapoot.mod.gov.in) भी लॉन्च की गई है.