प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन पर तेजस्वी व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बिना इजाजत के प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना देने के आरोप में तेजस्वी प्रसाद यादव समेत राजद, कांग्रेस और वाम दलों के कम से कम 18 नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.

प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन पर तेजस्वी व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
तेजस्वी यादव (Photo Credits: PTI)

पटना, 6 दिसंबर: बिना इजाजत के प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना देने के आरोप में तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Prasad Yadav) समेत राजद (RJD), कांग्रेस (Congress) और वाम दलों के कम से कम 18 नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. नये कृषि कानूनों के खिलाफ गांधी मैदान के गेट संख्या चार के बाहर आज दिन में तेजस्वी और गठबंधन सहयोगी कांग्रेस व भाकपा के नेताओं ने धरना दिया. पुलिस सूत्रों ने कहा कि गांधी मैदान पुलिस थाने में भादंसं और महामारी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत 18 नामजद और 500 अनाम व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि शहर के ऐतिहासिक गांधी मैदान के निकट धरने का आयोजन कर सरकारी आदेशों के उल्लंघन और लोगों की जिंदगी खतरे में डालने पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.

उन्होंने कहा कि इन लोगों ने कोविड-19 नियमों का उल्लंघन किया है. इन नियमों के तहत प्रत्येक व्यक्ति को संक्रमण का प्रसार रोकने के लिये मास्क पहनने और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने के साथ कई अन्य ऐहतियाती उपायों का पालन करना होता है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि तेजस्वी के अलावा प्राथमिकी में जिन लोगों का नाम है, उनमें राजद नेता श्याम रजक (Shyam Rajat), वृषिन पटेल (Vrishin Patel), आलोक मेहता (Alok Mehta) और मृत्युंजय तिवारी (Mrutyunjay Tiwary) शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाकपा के कुछ नेताओं का नाम भी प्राथमिकी में शामिल है.

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इससे पहले दिन में पटना (Patna) जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि गांधी (Gandhi) मैदान के अंदर धरने की इजाजत नहीं है, क्योंकि यह ‘प्रतिबंधित क्षेत्र’ है. अधिकारी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति, राजनीतिक दल या संगठन धरना देना चाहता है तो वह गर्दनीबाग में ऐसा कर सकता है जिसे धरना देने के लिये निर्दिष्ट स्थल घोषित किया गया है.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोविड-19 के नियमों का सख्ती से पालन हो. किसी सार्वजनिक जगह पर धरने की इजाजत नहीं है.

 

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