AJMER 92 TEASER: फिल्म 'अजमेर 92' का टीजर आया सामने, झकझोर कर रख देगी 31 साल पहले हुए 'स्कैंडल' की कहानी
एक-एक कर 100 लड़कियां हवस का शिकार बन गईं. 100 लड़कियों के साथ रेप हुआ और करीब 250 लड़कियों की न्यूड फोटो सर्कुलेट हुईं. एक के बाद एक कई लड़कियों ने सुसाइड भी कर लिया था.
AJMER 92 TEASER OUT: फिल्म 'अजमेर 92' (Ajmer 92) का टीजर जारी कर दिया गया है. फिल्म में करन वर्मा, सुमित सिंह, राजेश शर्मा, मनोज जोशी, आकाश दहिया और ईशान मिश्रा अहम किरदार में होंगे. ये मूवी 21 जुलाई को रिलीज होगी. सच्ची घटना पर आधारित यह मूवी अजमेर में हुए स्कैंडल पर बनी है. एक ऐसा स्कैंडल जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, जिसकी कहानी जानकर आपकी रूह कांप जाएगी.
साल था 1992, अप्रैल के महीने में राजस्थान के अजमेर में सैकड़ों लड़कियों के साथ हुई हैवानियत की खबर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. एक रोज एक अखबार के फ्रंट पेज पर सोफिया गर्ल्स कॉलेज की छात्राओं की न्यूड फोटोज ब्लर करके लगाए गए, जिससे पूरे देश में हलचल मच गई. कहानी थी 100 लड़कियों के साथ हुए दुष्कर्म की, कहानी थी 250 लड़कियों के साथ हुए ब्लैकमेलिंग की. ये भी पढ़ें- OMG 2 Banned? सेंसर बोर्ड ने अक्षय कुमार की फिल्म की रिलीज पर लगाई रोक- रिपोर्ट
पीड़ितों का कहना था कि, शहर के रसूखदार परिवारों के कुछ लड़कों ने उनके साथ दुष्कर्म किया था. ये सिलसिला पहले एक लड़की से शुरू हुआ. पहले उसका दुष्कर्म किया गया, फिर आपत्तिजनक फोटो खींची गई और फिर उसे शहर भर में सर्कुलेट करवाने की धमकी दी गई.
फोटो डिलीट करने का वादा कर पीड़ित छात्रा से अपनी दूसरी सहेली को लाने को कहा गया और इस तरह एक-एक कर 100 लड़कियां हवस का शिकार बन गईं. 100 लड़कियों के साथ रेप हुआ और करीब 250 लड़कियों की न्यूड फोटो सर्कुलेट हुईं. एक के बाद एक कई लड़कियों ने सुसाइड भी कर लिया था.
जांच में नामी परिवारों के लड़कों का नाम सामने आया, जिनमें मुख्य आरोपी फारुक चिश्ती, नफीस चिश्ती, अनवर चिश्ती थे. इनके परिवार अजमेर की दरगाह में काम करते थे. तीनों यूथ कांग्रेस से भी जुड़े हुए थे. पुलिस ने मामले में अजमेर के 18 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया.
पीड़ितों को बयान देने के लिए बुलाया गया, लेकिन ज्यादातर पीड़ितों ने चुप्पी साध ली. मात्र दो लड़कियां अपने बयान पर डटी रहीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, जिनमें से 4 को बरी कर दिया गया था और 4 की सजा 10 साल कर दी गई.