प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों और मरीज के तीमारदारों के बीच मारपीट
मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एसआरएन चिकित्सालय में इलाज में कथित तौर पर लापरवाही बरतने से एक मरीज की मृत्यु होने से भड़के उसके परिजनों और जूनियर डॉक्टरों के बीच शुक्रवार की सुबह मारपीट हुई.
प्रयागराज, 23 अप्रैल : मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (Moti Lal Nehru Medical College) से संबद्ध एसआरएन चिकित्सालय में इलाज में कथित तौर पर लापरवाही बरतने से एक मरीज की मृत्यु होने से भड़के उसके परिजनों और जूनियर डॉक्टरों के बीच शुक्रवार की सुबह मारपीट हुई. पुलिस अधीक्षक (नगर) दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि सुल्तानपुर (Sultanpur) में तैनात पुलिस निरीक्षक जुल्फिकार अपनी मां का इलाज कराने स्वरुप रानी नेहरु (एसआरएन) चिकित्सालय आए थे. उनका कहना है कि दो घंटे तक किसी भी डॉक्टर ने उनकी मां का इलाज नहीं किया जिससे उनकी मृत्यु हो गई. सिंह ने बताया कि इस घटना को लेकर जूनियर डॉक्टरों के साथ जुल्फिकार के दो भाइयों की कहासुनी हो गई और एक भाई द्वारा डॉक्टर की कथित बदसलूकी का वीडियो बनाने से भड़के डॉक्टरों ने मोबाइल फोन छीन लिया.
उन्होंने बताया कि इससे बात बढ़ गई और डॉक्टरों ने जुल्फिकार और उनके दोनों भाइयों के साथ मारपीट की. प्रतिक्रिया में जुल्फिकार के एक भाई ने एक डॉक्टर को भी पीटा. इस घटना में जुल्फिकार एवं उसके दोनों भाइयों को काफी चोटें आई, जबकि एक डॉक्टर को भी मामूली चोट आई. इस घटना को लेकर जूनियर डॉक्टर सुबह धरने पर बैठ गए और जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी एवं पुलिस के आला अधिकारियों के समझाने पर दो घंटे में वे काम पर लौट गए. धरने पर बैठे कुछ डॉक्टरों ने सिर पर पट्टी बांध रखी थी और उन्होंने घायल होने की बात कही. यह भी पढ़ें : BJP ने किया वादा- पश्चिम बंगाल में सरकार बनते ही सबकों मुफ्त मिलेगी COVID वैक्सीन
स्वरुप रानी नेहरु चिकित्सालय के कार्यवाहक प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर आरजे सिद्दीकी ने इसे मामूली घटना बताते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं. डॉक्टरों पर काम का बहुत दबाव है, लेकिन डॉक्टरी पेशे में मरीज के परिजनों का गुस्सा झेलना आम बात है. सभी जूनियर डॉक्टर ‘नाइट ड्यूटी’ पर थे जो धरना खत्म करके अपने हॉस्टल लौट गए हैं. उल्लेखनीय है कि एसआरएन के प्रधानाचार्य डॉक्टर एसपी सिंह कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और फिलहाल घर पर पृथक-वास में हैं. वहीं प्रमुख अधीक्षक से संपर्क नहीं हो सका.