कोरोना वायरस से जंग: केरल में लोगों पर रखी जा रही कड़ी निगरानी, IVR और जियो मैपिंग प्रणाली की ली जा रही है मदद
IVR और जियो मैपिंग प्रणाली के जरिए लोगों पर निगरानी (Photo Credits: ANI)

Fight Against Coronavirus: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में संक्रमितों की तादात बढ़कर 8356 हो गई है, जबकि कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण से अब तक 273 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. हालांकि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. बात करें केरल (Kerala) की तो यहां शनिवार को 10 नए मामलों के सामने आने के बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 373 हो गई है, जबकि करीब 1.23 लाख लोग कड़ी निगरानी में हैं. यहां कोविड-19 सेल बनाकर लोगों पर निगरानी रखने के लिए आईवीआर और जियो लाइव मैपिंग सिस्टम की मदद ली जा रही है.

केरल में लोगों पर निगरानी रखने के लिए इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स (आईवीआर) (Interactive Voice Response) सिस्टम और जियो लाइव मैपिंग के जरिए वास्तविक समय और उनके स्वास्थ्य की स्थिति में संक्रमित लोगों द्वारा क्वारेंटाइन अनुपालन की निगरानी करने के लिए अलापुझा जिला कलेक्ट्रेट (Alappuzha District Collectorate) में कोविड-19 सेल की स्थापना की गई है.

अलापुझा जिला कलेक्टर एम अंजना का कहना है कि हमारे कोविड कंट्रोल रूम में हम चिकित्सा सलाह और सहायता प्रदान करने के लिए लोगों तक पहुंचने के लिए तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर यहां सामुदायिक प्रसार के मामले में सामने आते हैं तब भी यह सेल रिमोट एरिया से संचालित हो सकते हैं.

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वहीं कोविड कंट्रोल सेल के प्रभारी डॉ. शरत चंद्र बोस का कहना है कि हमें रोजाना 10,000 से ज्यादा लोगों पर निगरानी रखनी होती है. इसके लिए आईवीआर सिस्टम तैयार किए गया है, ताकि लक्षण दिखने वाले लोगों को समय रहते टेस्ट के लिए अस्पताल ले जाया सके. यह भी पढ़ें: देश में तेजी से बढ़ रही कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या, अब तक 8356 संक्रमित- 273 की मौत

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गौरतलब है कि केरल में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने के लिए अलापुझा और पठानमथिट्टा जिले के कुशल तकनीकों ने कोरोना रोगियों की निगरानी के लिए इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पांस (IVR) और जियो (Geo) मैपिंग प्रणाली को अपनाया है. इस तकनीक की मदद से कोरोना वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने के प्रयासों में एक कदम आगे बढ़ाया गया है.