नई दिल्ली: किसान आंदोलन (Farmers Protest) एक बार फिर जोर पकड़ रहा है. शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा, हम प्रदर्शन स्थल खाली नहीं करेंगे, हम पहले अपने मुद्दों पर भारत सरकार से बात करेंगे. वहीं सिंघु बॉर्डर से किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा, सरकार जो भी करे हम सिंघु बॉर्डर नहीं छोड़ेंगे. जब तक कानून रद्द नहीं हो जाते और MSP पर नया कानून नहीं बन जाता हम यहां से नहीं जाएंगे. राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) नेता जयंत चौधरी भी गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे हैं.
गाजीपुर बॉर्डर से राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने कहा, आज संसद के सत्र का पहला दिन है और ये मुद्दा संसद के अंदर भी उठना चाहिए. अगर सरकार पीछे हटती है तो इससे उनकी कमजोरी नहीं झलकेगी. प्रधानमंत्री सब विषयों पर बोलते हैं, किसान के बारे में भी बोल दें. बता दें कि, सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किया गया है. कृषि कानूनों के खिलाफ यहां किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है. Farmer's Tractor Rally Violence: किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस पर सियासत जारी, अमरिंदर सिंह ने कहा-‘सरासर गलत’
मांगों पर अड़े किसान:
We will not vacate the spot. We will talk to the Government of India about our issues. I urge the people to remain peaceful: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union (BKU) spokesperson, at Ghazipur border#FarmLaws pic.twitter.com/Cy8vTUhnMP
— ANI UP (@ANINewsUP) January 29, 2021
इससे पहले राकेश टिकैत ने कहा था, किसानों को बदनाम करने की साजिश की जा रही है, आंदोलन जारी रहेगा. राकेश टिकैत ने कहा, ''यह पूरा घटनाक्रम किसानों के साथ बड़ी साजिश है, यह किसानों को बदनाम करने की साजिश है. हम भारत सरकार से बात करने को तैयार हैं. जो नोटिस मिला है उसका जवाब दे देंगे. आंदोलन चालू रहेगा, पूरे देश में महापंचायत चल रही हैं.''
एसपी नेता अखिलेश यादव ने भी किसानों का साथ देने की बात कही है. अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, 'किसान आंदोलन को सबका पेट भरनेवाले किसानों को बीजेपी भूखा-प्यासा रखकर व झूठे आरोप लगाकर हराना चाहती है लेकिन चंद भाजपाइयों को छोड़कर सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानी आज भी किसानों के साथ खड़े हैं.' सपा किसानों के साथ है!
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, तुम आंदोलन कर रहे किसान का इंटरनेट बंद कर देते हो, बिजली पानी बंद कर देते देते हो, आने का रास्ता बंद कर देते हो. किसान ने अगर किसानी बंद कर दी ना, एक मौसम के लिए भी, तो तुम्हारी सांसे बंद हो जाएंगी. समझाइए अपने नेताओं को, अहंकार से पेट नहीं भरता.