Farmers Protest: किसानों का विरोध प्रदर्शन 16वें दिन भी जारी, मांगे पूरी न होने पर देशभर में रेलवे ट्रैक बाधित करने की चेतावनी- यहां पढ़ें अपडेट्स

किसान नेताओं का कहना है कि आंदोलन अब बड़े स्तर पर होगा. किसान अब 12 दिसंबर (शनिवार) को देशभर के टोल नाकाओं का घेराव करने की तैयारी में हैं. सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए किसान संगठनों ने 12 दिसंबर से दिल्ली की घेराबंदी बढाने की चेतावनी भी दी है.

किसान आंदोलन (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (Farm Laws)  के खिलाफ किसानों का आंदोलन का शुक्रवार को 16वें दिन में प्रवेश कर गया है. किसान पहले दिन से तीनों नए कृषि कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हुए, वहीं सरकार कानून में संशोधन के लिया तैयार है, लेकिन कानून वापसी के लिए लिए. किसान नेताओं ने कानून में प्रस्तावित संशोधन को खारिज कर दिया है क्योंकि वे कानूनों को निरस्त किए जाने से कम कुछ नहीं चाहते. इस बीच किसानों ने आंदोलन को बड़े स्तर पर ले जाने की ठान ली है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar)  गुरुवार को एक बार फिर किसानों से आंदोलन खत्म करने की गुजारिश की, लेकिन कृषि मंत्री की अपील का किसानों पर कोई असर नहीं हुआ. किसानों ने आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है.

किसान नेताओं का कहना है कि आंदोलन अब बड़े स्तर पर होगा. किसान अब 12 दिसंबर (शनिवार) को देशभर के टोल नाकाओं का घेराव करने की तैयारी में हैं. सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए किसान संगठनों ने 12 दिसंबर से दिल्ली की घेराबंदी बढाने की चेतावनी भी दी है. जबकि 14 दिसंबर को देशभर में बीजेपी नेताओं के घेराव से लेकर जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन की योजना है. नरेंद्र सिंह तोमर, पियूष गोयल ने मीडिया से कहा, पड़ताल करें कि किसान आंदोलन के पीछे आखिर कौन है?

सरकार हर बार नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की संभावना से इनकारकर रही है. सरकार ने किसान समूहों से इन कानूनों को लेकर उनकी चिंताओं के समाधान के लिए सरकार के प्रस्ताओं पर विचार करने की अपील की. सरकार ने कहा कि जब भी यूनियन चाहें, वह अपने प्रस्ताव पर खुले मन से चर्चा करने के लिए तैयार है. कृषि मंत्री ने कहा, "सरकार किसानों से आगे और वार्ता करने को इच्छुक और तैयार है. उनकी आशंकाओं को दूर करने के लिए, हमने किसान यूनियनों को अपने प्रस्ताव भेजे हैं."

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