Farmers Protest: किसान आंदोलन का 32वां दिन, सरकार से बात नहीं बनी तो प्रदर्शन होगा और भी तेज
दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली:- राजधानी दिल्ली से सटे बॉर्डर पर कड़ाके की ठंड के बीच किसान आंदोलन (Farmers Protest) रविवार को 32 वें दिन भी जारी है. नये कृषि कानून के मसले पर सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध बना हुआ है. वैसे इससे पहले कई बार हल तलाशने के लिए किसान नेता और सरकार के बीच बैठकें हुईं. लेकिन बात नहीं बन रही है. अब सभी की नजरें 29 दिसंबर को होने वाली किसान नेताओं और सरकार के बीच बैठक पर टिकी हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक में कुछ हल तो जरुर निकल जाये. लेकिन अगर बात नहीं बनी तो किसान अपना आंदोलन और भी तीव्र कर देंगे. उन्होंने उसकी तैयारी कर ली है. रिपोर्ट के मुताबिक बात नहीं बनी तो किसान 30 तारीख को ट्रैक्टर से सिंघु से लेकर टिकरी और शाहजहांपुर तक मार्च करेंगे.

इसके साथ ही किसानों ने नए साल पर लोगों को लंगर के लिए निमंत्रण दिया है. वैसे केंद्र सरकार की पूरी कोशिश है कि इस आंदोलन को जल्द से जल्द खत्म कराया जाए. उससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने असम दौरे के दौरान कहा था, सरकार किसानों से हर चर्चा के लिए तैयार है. लेकिन किसान अपनी बात सरकार के साथ शर्तो के आधार पर करना चाहते हैं. यही कारण है कि शर्त को किसानों ने सरकार को लिखकर भेज दिया है. Farmers Protest: किसान संगठनों ने स्वीकारा सरकार से बातचीत का प्रस्ताव, 29 दिसंबर को बैठक.

किसानों ने सरकार से 29 दिसंबर को बातचीत के लिए चार शर्तें रखी हैं. उनमें पहली शर्त है, तीन नए कृषि कानून को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो. दूसरी शर्त है कि किसानों को MSP की कानूनी गारंटी मिले. इसके अलावा तीसरी शर्त है, बिजली बिल ड्राफ्ट में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो और चौथी शर्त पराली कानून से किसानों को बाहर किया जाए. अगर इन शर्तों पर बात बनती है तो किसान अपना आंदोलन वापस ले सकते हैं. लेकिन चर्चा फेल हुआ तो आंदोलन और भी तेज कर दिया जाएगा.