
पंजाबी साहित्य जगत से एक दुखद खबर सामने आई है. पंजाब के जाने-माने कवि और साहित्यकार सुरजीत पातर का शनिवार तड़के निधन हो गया. शुरुआती जानकारी के अनुसार, दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ. पद्मश्री सुरजीत पातर 79 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए. उन्होंने लुधियाना में अंतिम सांस ली.
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी. उनके परिवार के कई सदस्य विदेश में हैं और उनके आने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा.
Shocking News 😢
Famous Punjabi personality Surjit Patar is no more.
Surjit Patar Saab , was honoured with Padma Shri Award in the field of Literature and Education.
Patar Saab has left a legacy that has influenced many readers and writers throughout the years and enhanced… pic.twitter.com/OA63fayDaa
— Raj Gill (@rajlali) May 11, 2024
कवि और शायर सुरजीत पातर का इस दुनिया से जाना पंजाबी साहित्य जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. पातर जी ने अपनी कविताओं से पंजाबी भाषा को एक नया आयाम दिया. उनकी रचनाएँ मानवीय संवेदनाओं, प्रकृति प्रेम और सामाजिक मुद्दों को बखूबी दर्शाती थीं. उनकी कविताओं में पंजाब की माटी की सौंधी खुशबू और पंजाबी लोगों के जीवन की सच्चाई झलकती थी.
Famous Punjabi writer & Poet Surjit Patar passed away. End of decade
ਮੈਂ ਰਾਹਾਂ ਤੇ ਨਹੀਂ ਤੁਰਦਾ, ਮੈਂ ਤੁਰਦਾ ਹਾਂ ਤਾਂ ਰਾਹ ਬਣਦੇ ਨੇ! pic.twitter.com/hHBtxgKdlb
— Akashdeep Thind (@thind_akashdeep) May 11, 2024
सुरजीत पातर को साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्म श्री सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था. उनकी रचनाओं का कई भाषाओं में अनुवाद हुआ है और उन्हें दुनिया भर में सराहा गया है. उनके जाने से पंजाबी साहित्य जगत में एक ऐसा शून्य पैदा हो गया है जिसकी भरपाई शायद ही कभी हो पाए.
ਮੈਂ ਰਾਹਾਂ 'ਤੇ ਨਹੀਂ ਤੁਰਦਾ, ਮੈਂ ਤੁਰਦਾ ਹਾਂ ਤਾਂ ਰਾਹ ਬਣਦੇ ਨੇ! End of decade, the famous Punjabi writer and poet Padma Shri Surjit Patar Sahib passed away, taking his last breath in Ludhiana. 🙏 #RestInPeace pic.twitter.com/cnudRKi6ok
— Gagandeep Singh (@Gagan4344) May 11, 2024
पातर जी की कविताएँ आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी. उनकी लेखनी का जादू हमेशा लोगों को मंत्रमुग्ध करता रहेगा.