श्रीनगर: कड़ी सुरक्षा के बीच बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 5,791 तीर्थयात्रीयों का पाचवां जत्था सोमवार को रवाना हो गया. इसबीच एक अफवाह ऐसी फैली जिसने कुछ समय के लिए तमाम आला अधिकारियों की नींद उड़ा दी. दरअसल सोशल मीडिया पर अमरनाथ यात्रियों पर हमले की झूठी खबर ने पूरे जम्मू-कश्मीर में हलचल मचा दी.
इस खबर के बाद यात्रियों की सुरक्षा में लगे अधिकारी हरकत में आ गए. जिसके बाद पुरे मार्ग पर बनाए गए कंट्रोल रूम से संपर्क साधा गया और ऐसे किसी भी हमलें से संबंधित रिपोर्ट मांगी गई. लेकिन सभी कंट्रोल रूम्स ने अपने दायरे में आने वाले इलाके के भीतर किसी भी प्रकार के हमलें से साफ़ इंकार कर दिया.
वहीं जम्मू-कश्मीर के त्रिकुटा नगर थाना पुलिस को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई. जांच के दौरान त्रिकुटा नगर थाना पुलिस ने उस शख्स की पहचान कर ली, जिसने यह झूठा मैसेज पोस्ट किया था. दरअसल एक शख्स ने मामूली कहासुनी के बाद अमरनाथ यात्रियों पर हमलें का झूठा मैसेज फैलाया.
बताया जा रहा है जम्मू रेलवे स्टेशन के बाहर से अमरनाथ यात्रियों को अपने सफर के लिए वाहन भाड़े पर मिलते है. वहीँ इस जगह टैक्सी चालकों ने अपनी यूनियन बना रखी है. यह यात्रा शुरू होने के बाद कुछ स्थानीय लोग भी श्रद्धालुओं को अपने वाहन किराए पर देने लगे. बीते दिन लोकल टैक्सी चालक और निजी तौर पर वाहन उपलब्ध करा रहे एक शख्स के बीच कहासुनी हो गई. इसी झगड़े में लोकट टैक्सी चालकों ने इस शख्स की कार के शीशे तोड़ दिए. जिसके बाद इस शख्स ने सोशल मीडिया पर अमरनाथ यात्रियों पर हमलें का फेक मैसेज पोस्ट कर दिया. अमरनाथ यात्री हमारे मेहमान, किसी पर नहीं करेंगे अटैक: हिजबुल मुजाहिद्दीन चीफ
60 दिवसीय यह तीर्थयात्रा 28 जून को शुरू हुई थी और यह 26 अगस्त को समाप्त होगी. सेना, अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के लगभग 40,000 सुरक्षाकर्मी यात्रा ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं. इसके अतिरिक्त अमरनाथ यात्रा में पहली बार रेडियो फ्रिक्वेंसी लगे यात्रा वाहन, ड्रोन के जरिए निगरानी और कमांडो के मोटरसाइकिल दस्ते को भी यात्रा मार्ग पर तैनात किया गया है.