नई दिल्ली: सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक (Facebook) को लेकर चल रहे विवाद के बीच कंपनी अपनी सर्विस की शर्तों (Terms of Service) में कुछ बड़े बदलाव कर रहा है. यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि फेसबुक सामग्री, सेवाओं या सूचनाओं को हटा या उस तक पहुंच को प्रतिबंधित कर सके. यह 1 अक्टूबर से लागू होगा.
फेसबुक के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लगातार बेहतर सेवाओं और नई सुविधाओं को विकसित करने के लिए काम करता है, जिससे उपयोगकर्ताओं और समुदाय दोनों के लिए इसे बेहतर बनाया जा सके. अपनी सेवाओं और कार्य को सही ढंग से प्रतिबिंबित करने के लिए समय-समय पर शर्तों को अपडेट करते रहना चाहिए. फेसबुक विवादः कंपनी के भारत प्रमुख अजीत मोहन से पूछताछ, करीब 90 सवालों का लिखित में मांगा जवाब
फेसबुक द्वारा उपयोग की शर्तों में बदलाव के बाद अधिकांश यूजर्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, हालांकि ऐसे कंटेंट जिसमें फर्जी समाचार, हिंसा या सामुदायिक मानकों का उल्लंघन होता है, तो फेसबुक इसे हटा सकता है. फेसबुक ने यह भी बताया है कि यदि कोई यूजर्स बार-बार नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसका अकाउंट सस्पेंड या हमेशा के बंद किया जा सकता है.
हालांकि दिग्गज कंपनी ने कहा है कि जब वह इस तरह की कार्रवाई करेगा तो यूजर्स को अन्य विकल्प की जानकारी दी जाएगी और पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा. लेकिन यह तब मान्य होगा जब सेवाओं, प्रणालियों और उत्पादों से संबंधित कानूनी दायित्व, समुदाय को नुकसान, अखंडता से समझौता नहीं हो रहा हो. फेसबुक ने यह भी कहा है कि इसके जरिए वे यूजर्स को नियंत्रित या निर्देशित नहीं कर रहे हैं.
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने बुधवार को कहा कि वह एक खुला और पारदर्शी मंच बने रहने के लिए प्रतिबद्ध है. वह लोगों को उसके मंच पर स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त करने की सुविधा देता रहेगा. सोशल मीडिया कंपनी के कथित राजनीतिक पूर्वाग्रह को लेकर जारी विवाद के बीच उसने यह बात कही है.
उल्लेखनीय है कि फेसबुक की ओर से यह बयान उसके इंडिया के प्रमुख अजीत मोहन (Ajit Mohan) के सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष पेश होने के कुछ देर बाद जारी किया गया. संसद समिति सोशल मीडिया मंचों के कथित दुरुपयोग मामले को देख रही है.