Jammu-Kashmir: गुपकार प्रत्याशियों के साथ किए जा रहे आचरण को लेकर पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र

पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने शनिवार को राज्य चुनाव आयुक्त के. के. शर्मा को पत्र लिखा है

Jammu-Kashmir: गुपकार प्रत्याशियों के साथ किए जा रहे आचरण को लेकर पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र

पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने शनिवार को राज्य चुनाव आयुक्त के. के. शर्मा को पत्र लिखा है

देश IANS|
Jammu-Kashmir: गुपकार प्रत्याशियों के साथ किए जा रहे आचरण को लेकर  पूर्व सीएम  फारुख अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र
फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती (Photo Credits: ANI)

श्रीनगर: पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने शनिवार को राज्य चुनाव आयुक्त के. के. शर्मा को पत्र लिखा है.  इस पत्र में शिकायत की गई है कि जिला विकास परिषद ( DDC) चुनाव में गठबंधन के प्रत्याशियों को सुरक्षा के नाम पर रोका जा रहा है.  उन्होंने आरोप लगाया कि सुरक्षा के नाम पर केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र को बाधित करने के लिए उनके प्रत्याशियों को डीडीसी चुनाव से पहले कैनवास अनुमति नहीं दी जा रही है.

पत्र में कहा गया है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप के लिए सुरक्षा को बहाना नहीं बनाना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि पीपल्स एलायंस के प्रत्याशियों को सुरक्षा के नाम पर सुरक्षित स्थानों पर भेजकर वहीं तक ही सीमित कर दिया गया है। वे बाहरी लोगों के संपर्क में नहीं आ रहे, जिनसे उन्हें वोट मांगना है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ चुनिंदा लोगों को सुरक्षा प्रदान करना और अन्य लोगों को नजरबंद कर देना लोकतंत्र में हस्तक्षेप के समान है. यह भी पढ़े: Gupkar Alliance: ‘गुपकार गठबंधन’ पर MP के CM शिवराज सिंह चौहान का हमला, कहा- जम्मू-कश्मीर में फिर जहर घोलने की कोशिश

अब्दुल्ला ने लिखा है कि गुपकार गठबंधन में शामिल पार्टियों ने पूर्व में सत्ता का नेतृत्व भी किया है और सरकार चलाने का अवसर भी मिला है। वे हिंसा वाले स्थान पर सुरक्षा को लेकर उत्पन्न चुनौतियों से वाकिफ हैं. उन्होंने कहा, "इस तरह की चुनौतियां कोई नई नहीं हैं. ऐसी स्थितियां यहां पिछले तीन दशकों से बनी हुई हैं, लेकिन सरकार के पास ऐसी व्यवस्था थी, जो किसी भी विचारधारा या किसी भी दल का प्रतिनिधित्व करते हों, सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करती थीं.

पत्र में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र का विकास देश के किसी अन्य हिस्से की तुलना में खास है। यहां की राजनीतिक यात्रा रक्तरंजित रही है और हजारों राजनीतिक कार्यकतार्ओं के खून बहे हैं, जिन्होंने लोकतंत्र की खातिर अपनी जान दे दी. पत्र में कहा गया है, "जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र बहुत ही कमजोर अवस्था में है। सरकारें आती-जाती हैं। किसी भी सरकार के पास ये हक नहीं है कि वह जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की संस्था की नींव को कमजोर करे, जिसे हजारों राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने अपनी जान देकर तैयार किया है.

गौरतलब है कि जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यधारा की प्रमुख पार्टियों ने मिलकर गुपकार नाम से एक गठबंधन बनाया है.नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला इस गठबंधन के प्रमुख बनाए गए हैं। राज्य में इसी महीने के आखिर में शुरू होने वाले डीडीसी चुनाव में ये गठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है.

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