प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने मंगलवार को कहा कि उसने पिक्शन मीडिया और उसके समूह की कंपनियों की मुंबई, कोलकाता और नोएडा में स्थित 127 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं. ईडी ने यह कार्रवाई 2,600 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी से संबंधित धन शोधन मामले की जांच के हिस्से के तहत की है. ईडी ने एक बयान में कहा, "हमने एक बैंक धोखाधड़ी के मामले में धन शोधन रोकथाम अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के अंतर्गत पिक्शन मीडिया और उसके समूह की कंपनियों की 127.74 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां जब्त की हैं."
ईडी ने कहा कि संपत्तियों में दो वाणिज्यिक प्लॉट्स, समूह की कंपनियों के मुंबई, चेन्नई, नोएडा और कोलकाता स्थित नौ वाणिज्यिक फ्लोर्स शामिल हैं. ईडी ने यह कार्रवाई सीबीआई द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज करने के बाद की.
सीबीआई ने धोखाधड़ी, जालसाजी और सार्वजनिक बैंक को 2,600 करोड़ का नुकसान करने तथा पिक्शन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, पर्ल मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, महुआ मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, पिक्शन विजन प्राइवेट लिमिटेड, पर्ल स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड, पर्ल विजन प्राइवेट लिमिटेड, सेंचुरी कम्युनिकेशन लिमिटेड तथा उसके निदेशकों -पी.के. तिवारी, आनंद तिवारी, अभिषेक तिवारी और अन्य को गलत तरीके से लाभ पहुंचाने के लिए यह मामला दर्ज किया था.
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों -पी.के. तिवारी, आनंद तिवारी और अभिषेक तिवारी ने विभिन्न बैंकों से धोखाधड़ी करते हुए 2,600 करोड़ रुपये का ऋण ले लिया. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा, "इन आरोपियों ने अपनी विभिन्न कंपनियों और संस्थाओं के बैंक खातों से यह राशि आगे बढ़ा दी, जिससे मुंबई, चेन्नई, नोएडा और कोलकाता जैसे विभिन्न स्थानों पर संपत्तियां खरीद ली गईं."
एजेंसी ने कहा, "इन अभियुक्तों ने इस तरह स्रोत छिपाते हुए बैंक ऋणों को घुमा-फिराकर संपत्ति अर्जित की. अबतक कुल 127.74 करोड़ रुपये की संपत्ति चिह्नित की जा चुकी है और उसे पीएमएलए के अंतर्गत जब्त कर लिया गया है."