नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने आज (7 अगस्त) वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर सम्मेलन’ में उद्घाटन भाषण दिया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि तीन-चार साल के विचार-विमर्श के बाद केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को मंजूरी प्रदान की है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद देश के किसी भी क्षेत्र से किसी भी वर्ग से ये बात नहीं उठी कि इसमें किसी तरह का पक्षपात है, या किसी एक ओर झुकी हुई है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा "आज देशभर में इसकी व्यापक चर्चा हो रही है. अलग-अलग क्षेत्र के लोग, अलग-अलग विचारधाराओं के लोग, अपनी राय दे रहे हैं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रिव्यु कर रहे हैं. ये एक हेल्दी डिबेट है, ये जितनी ज्यादा होगी, उतना ही लाभ देश की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा. हर देश, अपनी शिक्षा व्यवस्था को अपनी नेशनल वैल्यूज़ के साथ जोड़ते हुए, अपने नेशनल गोल्स के अनुसार रिफॉर्म करते हुए चलते है. इसका मकसद ये होता है कि देश की शिक्षा व्यवस्था, अपनी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को फ्यूचर रेडी रखे, फ्यूचर रेडी करे. भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति का आधार भी यही सोच है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत की, नए भारत की फाउंडेशन तैयार करने वाली है.
National Education Policy will set the foundation for 21st century India.
We've given extra impetus to this national policy for ensuring that it makes Indians more empowered and easily attractive to opportunities: PM Modi
— BJP (@BJP4India) August 7, 2020
उन्होंने आगे कहा "आप सभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के इम्प्लिमेंटेशन से सीधे तौर पर जुड़े हैं और इसलिए आपकी भूमिका बहुत ज्यादा अहम है. जहां तक राजनीतिक इच्छाशक्ति की बात है, मैं पूरी तरह कमिटेड हूं, मैं पूरी तरह से आपके साथ हूं."
National Education Policy is being discussed across the nation today. People from different fields & ideologies are giving their views & reviewing the Policy. It's a healthy debate. The more it is done, the more it will be beneficial to the education system of the country: PM https://t.co/tCLy5FHTRJ
— ANI (@ANI) August 7, 2020
गौरतलब हो कि इस सम्मेलन को मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) ने आयोजित करवाया है. इस दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत कवर किए गए शिक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे कि समग्र, बहु-विषयक एवं भविष्य की शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान, और शिक्षा में बेहतर पहुंच के लिए प्रौद्योगिकी के समान उपयोग पर विशेष सत्र आयोजित किय गए.
यहां देखें पीएम मोदी का संबोधन-
कई गणमान्य व्यक्ति राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर अपने-अपने विचार प्रस्तुत करेंगे जिनमें मसौदा एनईपी के लिए गठित समिति के अध्यक्ष और सदस्य के साथ-साथ प्रख्यात शिक्षाविद/वैज्ञानिक भी शामिल हैं. जबकि विश्वविद्यालयों के कुलपति, संस्थानों के निदेशक और कॉलेजों के प्रधानाचार्य आदि भी कार्यक्रम से जुड़े.