Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Bill: सरकार ने देश की सभी सरकारी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए एक सख्त कानून बनाया है. इस कानून को "लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024" कहा जाता है. इसे संसद के ऊपरी सदन, राज्यसभा ने शुक्रवार को पास कर दिया है.
इस कानून का मुख्य उद्देश्य ये है कि सरकारी परीक्षाएं ईमानदारी और पारदर्शिता से हों. जिससे मेहनत करने वाले छात्रों को उनका सही हक मिले और उनका भविष्य खराब न हो.
क्यों जरूरी है ये कानून?
सरकारी परीक्षाओं में नकल की समस्या लंबे समय से चली आ रही है. इससे कड़ी मेहनत करने वाले छात्रों का हक मारा जाता है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है. कई बार नकल की वजह से परीक्षाएं रद्द भी करनी पड़ती हैं, जिससे न सिर्फ छात्रों का समय बर्बाद होता है, बल्कि संसाधनों का भी दुरुपयोग होता है.
इस कानून में कई सख्त नियम हैं, जैसे:
- प्रश्नपत्र लीक करना
- उत्तर पुस्तिकाओं में छेड़छाड़ करना
- बैठने की व्यवस्था में गड़बड़ी करना
- पैसों के लिए नकल करवाने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाना
- फर्जी परीक्षाएं करवाना
पहले, सरकारी परीक्षाओं में नकल जैसी गड़बड़ियां बहुत होती थीं. इससे परीक्षाएं रद्द हो जाती थीं या देरी से होती थीं, जिससे छात्रों को परेशानी होती थी.
अब इस कानून के आने से जो कोई भी नकल करेगा या करवाएगा, उसे 3 से 5 साल तक की जेल हो सकती है और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. परीक्षा कराने वाली संस्थाओं को भी 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
इस नए कानून से उम्मीद है कि सरकारी परीक्षाओं में नकल पर काफी हद तक लगाम लग सकेगी. इससे ईमानदारी से मेहनत करने वाले छात्रों को उनका हक मिल सकेगा और शिक्षा प्रणाली में भी सकारात्मक बदलाव आएगा. हालांकि, कानून का सफल क्रियान्वयन कितना प्रभावी होगा, यह देखना बाकी है.