नई दिल्ली: अब से इंजीनियर और डॉक्टर की तरह ही शिक्षक बनने में भी चार साल का समय लगेगा. दरअसल केंद्र सरकार ने बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) कोर्स को चार साल का कर दिया है. इसको लेकर सभी तैयारियां भी पूरी की जा चुकी है. शिक्षक बनने के इच्छुक छात्र बारहवीं कक्षा पास करने के बाद चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में दाखिला ले सकता हैं.
चार साल के बीएड के लिए मौजूदा शैक्षिक सत्र से एडमिशन भी शुरू हो चुके है. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि शिक्षक बनने के इच्छुक युवाओं के लिए बारहवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण करने के तुरंत बाद चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम बनाया गया है.
उन्होंने आगे बताया कि बीए बीएड, बीकॉम बीएड और बीएससी बीएड पाठ्यक्रमों के लिये अधिसूचना जारी करने के बाद शिक्षण संस्थाओं से इस कोर्स के संचालन के लिये आवेदन भी मांगे गये हैं. और जो भी संस्थायें आवेदन करेंगी, वे इसी सत्र से इस कोर्स की शुरुआत कर सकेंगी.
मोदी सरकार ने संसद के पिछले सत्र के दौरान जो कि इसी साल जनवरी महीने में था, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (संशोधन) विधेयक-2019 पास करवाया था. इस विधेयक के पारित होने के साथ ही बीएड के नए पाठ्यक्रम को मंजूरी मिल गई थी. सरकार ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) अधिनियम 1993 में संशोधन के लिए इस विधेयक को लाया गया था.