भारत सरकार का बड़ा फैसला, शिक्षा मंत्रालय द्वारा 42 लाख शिक्षकों को मिलेगा ऑनलाइन प्रशिक्षण
शिक्षा मंत्रालय नई शिक्षा नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए देशभर में शिक्षकों के लिए परीक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. मंत्रालय ने देश के सभी 42 लाख प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों को प्रशिक्षित करने के लिए निष्ठा (राष्ट्रीय शैक्षिक स्कूल शिक्षा संस्थान और शिक्षकों के लिए शैक्षिक संस्थान) ऑनलाइन शुरू किया है.
नई दिल्ली, 24 दिसंबर: शिक्षा मंत्रालय नई शिक्षा नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए देशभर में शिक्षकों के लिए परीक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. मंत्रालय ने देश के सभी 42 लाख प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों को प्रशिक्षित करने के लिए निष्ठा (राष्ट्रीय शैक्षिक स्कूल शिक्षा संस्थान और शिक्षकों के लिए शैक्षिक संस्थान) ऑनलाइन शुरू किया है. इस महामारी के पहले यह कार्यक्रम फिजिकल रूप से आयोजित किया जाता था. इस कार्यक्रम को महामारी के दौरान शिक्षण और सीखने की जरूरतों के लिए प्रासंगिक बनाया गया और इसे 100 फीसदी ऑनलाइन किया गया है. इसके अलावा सीबीएसई, केवीएस और जेएनवी भी ऑनलाइन साधनों के माध्यम से सीखने की निरंतरता सुनिश्चित करेंगे.
इस प्रक्रिया में सीबीएसई ने 4,80,000 शिक्षकों (अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान), केवीएस ने 15,855 और जेएनवी ने 9,085 शिक्षकों को पूरे भारत में प्रशिक्षित किया है. एनवीएस द्वारा शिक्षकों को ऑनलाइन मूल्यांकन और जियोजेब्रा के संबंध में प्रशिक्षण भी दिया गया है.यह भी पढ़े: निशंक ने कहा : फरवरी तक बोर्ड परीक्षाएं नहीं होंगी
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, शिक्षकों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण के बाद कई मॉड्यूल भी तैयार किए गए. केवीएस में शिक्षा और प्रशिक्षण के जोनल संस्थानों द्वारा आयोजित ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू किया गया है. इन कार्यक्रमों में विभिन्न शिक्षण प्लेटफार्मों के उपयोग, विभिन्न ई-संसाधनों के विकास और उपयोग और छात्रों के ऑनलाइन मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
इस महामारी के दौर में शिक्षकों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए डॉ निशंक (Dr. Nishank) ने कहा, मल्टी मॉडल लनिर्ंग के विकास को देखते हुए मेरा मानना है कि शिक्षकों की भूमिका भी बदल रही है और हमारे शिक्षक इस नई भूमिकाओं के निर्वहन में कामयाब भी हो रहे हैं. शिक्षक की भूमिका अब सोर्स ऑफ नॉलेज से हट कर प्रोसेस ऑफ नॉलेज क्रिएशन की ओर बढ़ रही है.
शिक्षकों की बदलती भूमिकाओं के साथ, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सुझाव है कि शिक्षकों को सुधार के लिए निरंतर अवसर दिए जाएंगे. इन्हें स्थानीय, क्षेत्रीय, राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्यशालाओं के साथ-साथ ऑनलाइन शिक्षक विकास मॉड्यूल के रूप में कई तरीकों से सशक्त और क्षमतावान बनाया जाएगा. शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक प्रत्येक शिक्षक से यह अपेक्षा की जाएगी कि वे अपने स्वयं के व्यावसायिक विकास के लिए हर साल कम से कम 50 घंटे के प्रशिक्षण अवसरों में भाग लें, जो उनके स्वयं के हितों से प्रेरित हों.
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उत्कृष्ट राष्ट्रीय, सेवानिवृत्त संकाय सदस्यों के एक बड़े पूल के साथ भारतीय भाषाओं में पढ़ाने की क्षमता रखने वाले लोगों के लिए एक राष्ट्रीय मेंटॉरिंग मिशन की स्थापना की जाएगी. यह शिक्षकों को रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफार्म करने में सक्षम बनाएगी. उन्होनें शिक्षकों से कहा कि आप न केवल पढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकते हैं, बल्कि छात्रों से जुड़ने के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
निशंक ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक नए शिक्षा प्रतिमान विकसित करेगी. यह भारत की अगली पीढ़ी को प्रतिस्पर्धी लाभ भी देगी तथा भारत को फिर से विश्वगुरु बनने में सक्षम भी बनाएगी. इस नीति के आप सभी ब्रांड एंबेसडर हैं और यह आपके द्वारा और आपके लिए ही बनाई गई है. अब हम सबको मिलकर इस नीति को सफल बनाना है. इसके लिए विचार-विमर्श, संवाद,डिस्कशन की प्रक्रिया और ऐसे प्लेटफार्म को हम सदैव जारी रखेंगे.