कोलकाता, 15 दिसंबर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में स्कूल में नौकरी के बदले नकद मामले के मुख्य आरोपी सुजय कृष्ण भद्र की स्वास्थ्य स्थिति पर सरकारी एस.एस.के.एम. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट पर सवाल उठाए. न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल-न्यायाधीश पीठ में चिकित्सा आधार पर भद्र की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने तर्क दिया, ''भद्रा की सटीक चिकित्सा स्थितियों के बारे में अभी भी स्पष्ट होना बाकी है, खासतौर पर वॉयस सैंपलिंग टेस्ट में शामिल होने के लिए उनकी फिटनेस के संबंध में.''
इस मामले पर, ईडी के वकील ने एक स्थानीय समाचार चैनल के विशेष वीडियो फुटेज का हवाला दिया, जहां भद्रा को एस.एस.के.एम. में अपने बेड पर बैठे मुस्कुराते देखा गया था. एडुल्जी ने एकल-न्यायाधीश पीठ से समाचार चैनल को उस विशेष वीडियो फुटेज को तुरंत अदालत में जमा करने का निर्देश देने का अनुरोध किया. उन्होंने यह भी कहा कि कोलकाता की एक विशेष अदालत से स्पष्ट अनुमति के बावजूद, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने अभी तक भद्र का वॉयस सैंपलिंग टेस्ट नहीं किया है. यह भी पढ़ें : Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator: DRDO ने स्वदेशी हाई-स्पीड फ्लाइंग विंग UAV का किया सफल फ्लाइट ट्रायल, दुनिया के इन देशों के क्लब में शामिल हुआ भारत; देखें VIDEO
जब ईडी के अधिकारी हाल ही में वॉयस सैंपलिंग टेस्ट के लिए आवश्यक मेडिकल जांच के लिए भद्र को केंद्र संचालित ईएसआई अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए एसएसकेएम पहुंचे तो उन्हें पता चला कि आरोपी को कार्डियोलॉजी विभाग के आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया है. इसके बाद, ईडी के वकील ने भद्र की मेडिकल रिपोर्ट की सटीकता पर सवाल उठाया और अदालत से शनिवार को ही आरोपी को ईडीआई अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति मांगी. मामले में अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी.