कोलकाता, 4 नवंबर : प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के अधिकारी करोड़ों रुपये का राशन वितरण मामले में शनिवार को एक आटा मिल मालिक के आवास और कार्यालयों पर छापेमारी और तलाशी अभियान चला रहे हैं, जिसे पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी विश्वासपात्र बताया गया है. आरोप लगाया गया है कि आटे का एक हिस्सा, जो उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से बेचा जाना था, उसे हटा दिया गया और खुले बाजार में प्रीमियम मूल्य पर बेच दिया गया.
ईडी के अधिकारी राधाकृष्ण फ्लोर मिल के मालिक मंटू दास से भी पूछताछ कर रहे हैं. केंद्रीय एजेंसी सात ठिकानों पर एक साथ छापेमारी और तलाशी अभियान चला रही है. सूत्रों के अनुसार, दास का नाम मल्लिक और कोलकाता के व्यवसायी बकीबुर रहमान से पूछताछ के दौरान सामने आया, जिसे राशन वितरण मामले में गिरफ्तार किया गया था. ईडी को यह भी जानकारी मिली कि 2020 में पुलिस द्वारा भारी मात्रा में गेहूं जब्त किया गया था और जिसे “चोरी” के रूप में दिखाए जाने के बजाय “लावारिस” घोषित किया गया था, उसे राधाकृष्ण फ्लोर मिल में स्थानांतरित कर दिया गया था. यह भी पढ़ें : Delhi Factory Massive Fire: दिल्ली की फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की 20 गाड़ियां मौके पर
अक्टूबर, 2020 में उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उपमंडल के घोजाडांगा से पुलिस ने 175 ट्रकों में लदा हुआ कुल 5,101 टन जब्त किया था. उसमें से 1,652 टन गेहूं बनगांव की मिल में स्थानांतरित कर दिया गया. ईडी के एक अधिकारी के अनुसार, जब्त की गई खेप को "लावारिस" के रूप में दिखाया जाना मामले में पुलिस जांच को समाप्त करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास था, ताकि जब्त किए गए गेहूं को खुले बाजार में बिक्री के लिए भेजा जा सके.