नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) किसी भी व्यक्ति को समन कर सकती है. तलब किए गए लोगों से समन का सम्मान करने और जवाब देने की अपेक्षा की जाती है. शीर्ष अदालत ने कहा, प्रथम दृष्टया, मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) की धारा 50 के तहत तलब किए गए व्यक्ति को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी किए गए समन का सम्मान करना और उसका जवाब देना आवश्यक है. Bumble Date Alleges Rape: डेटिंग ऐप पर शादी का झांसा देकर रेप का आरोप, दिल्ली कोर्ट ने आरोपी को दी जमानत.
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि ईडी द्वारा बुलाए जाने पर व्यक्ति को उपस्थित होना होगा और पीएमएलए के तहत कार्यवाही के अनुसार यदि आवश्यक हो तो सबूत पेश करना होगा.
ED के समन का देना होगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए के प्रावधानों की जांच के बाद कहा, "यह देखा गया है कि ईडी किसी भी व्यक्ति को सबूत पेश करने या अधिनियम के तहत कार्यवाही के दौरान उपस्थिति देने के लिए आवश्यक समझे जाने वाले व्यक्ति को समन कर सकती है... जिन लोगों को समन जारी किया गया है, उन्हें ईडी के उक्त समन का सम्मान करना होगा और उसका जवाब देना होगा."
शीर्ष अदालत ने कहा, पीएमएलए की धारा 50 के अनुसार, ईडी अधिकारियों के पास किसी भी व्यक्ति को बुलाने की शक्ति है जिसकी उपस्थिति वे आवश्यक मानते हैं, चाहे सबूत देना हो या अधिनियम के तहत किसी भी जांच या कार्यवाही के दौरान कोई रिकॉर्ड पेश करना हो.