ईडी ने राजस्थान में सहकारी समिति फर्जीवाड़ा मामले में करीब 365 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजस्थान में करीब 20 लाख लोगों को ठगने वाले सहकारी समिति द्वारा धन के कथित गबन से जुड़ी जांच में धनशोधन रोकथाम कानून के तहत 365 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की. एजेंसी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी.
नयी दिल्ली, 25 जून : प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Directorate) ने राजस्थान में करीब 20 लाख लोगों को ठगने वाले सहकारी समिति द्वारा धन के कथित गबन से जुड़ी जांच में धनशोधन रोकथाम कानून के तहत 365 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की. एजेंसी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. ये संपत्तियां आदर्श ग्रुप ऑफ कंपनीज/ फर्मों, एलएलपी (सीमित देयता भागीदारी),रिद्धि सिद्धि ग्रुप ऑफ कंपनीज/ फर्मों, एओपी (व्यक्तियों के संगठन) और अन्य से जुड़ी हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने यहां जारी एक बयान में कहा, “कुर्क संपत्तियां राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में स्थित कृषि, आवासीय एवं व्यावसायिक भूमि पार्सलों तथा सावधि जमा (एफडी) एवं बैंक शेषों के रूप में हैं.” धनशोधन रोकथाम कानून (PMLA) के तहत कुर्क संपत्तियों की कुल कीमत 365.94 करोड़ रुपये है.
यह मामला आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (ACCSL) और इसके प्रवर्तकों मुकेश मोदी, राहुल मोदी और अन्य के खिलाफ दर्ज राजस्थान पुलिस विशेष अभियान समूह (एसओजी) की प्राथमिकी के संज्ञान लेने से जुड़ा है. ईडी का आरोप है कि जांच में पता चला कि, “मुकेश मोदी ने अपने रिश्तेदार वीरेंद्र मोदी, राहुल मोदी, रोहित मोदी और समिति के अधिकारियों सहित अन्य सहयोगियों के साथ साठगांठ कर एसीसीएसएल से जमाकर्ताओं के पैसों का आपस में जुड़े फर्जी लेन-देन के जरिए हेर-फेर किया.” इसने आरोप लगाया, “मुकेश मोदी, उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों ने फर्जी ऋण लेने के जरिए एससीसीएलएल से पैसा निकालकर अपने रियल एस्टेट कारोबार में लगाने के एकमात्र मकसद से कई कंपनियों/ फर्मों/ एलएलपी को शामिल किया.” यह भी पढ़ें : आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश को मिलेगा स्वदेशी आईएनएस विक्रांत, जानें पोत की खासियत
एजेंसी ने दावा किया, “मुकेश मोदी और अन्य की हरकतों से समिति को बड़ा नुकसान हुआ और 20 लाख निवेशकों की जीवन भर की जमा पूंजी चली गई.” ईडी ने मामले में अक्टूबर, 2019 में इसी तरीके से 1,489.03 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की थी. इसने कहा कि एजेंसी ने पिछले साल इन संपत्तियों को “अपने कब्जे” में ले लिया और इस साल मार्च में 124 आरोपियों के खिलाफ विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष एक आरोप-पत्र भी दायर किया.