Myanmar Earthquake: मंगलवार सुबह म्यांमार में 4.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे पूर्वोत्तर भारत के कई इलाके (Northeast Earthquake) हिल गए. सुबह करीब 6:10 बजे आए इस भूकंप का केंद्र मणिपुर (Manipur Earthquake) सीमा के पास था. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Seismological Centre) के अनुसार, भूकंप सतह से लगभग 15 किलोमीटर की गहराई पर आया. इसका असर असम, नागालैंड और मणिपुर के कई हिस्सों में साफ तौर पर महसूस किया गया. सुबह अचानक आए भूकंप के झटके के बाद लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए.
हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी तक किसी बड़े नुकसान या हताहत की खबर नहीं है. स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है.
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म्यांमार में भूकंप के झटके
EQ of M: 4.7, On: 30/09/2025 06:10:01 IST, Lat: 24.73 N, Long: 94.63 E, Depth: 15 Km, Location: Myanmar.
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— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) September 30, 2025
भूकंप का केंद्र मणिपुर के उखरुल के पास
जानकारी के अनुसार, भूकंप का केंद्र मणिपुर के उखरुल (Ukhrul Earthquake) जिले से लगभग 27 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में था. भूकंप का प्रभाव नागालैंड के वोखा से लगभग 155 किलोमीटर, दीमापुर से 159 किलोमीटर और मोकोकचुंग से 177 किलोमीटर दूर महसूस किया गया. मिजोरम के न्गापा और चम्फाई जिले भी प्रभावित हुए.
हाल के भूकंप के झटके
पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र में लगातार भूकंपीय गतिविधियां दर्ज की जा रही हैं. 21 सितंबर को बांग्लादेश सीमा के पास 4.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे मेघालय में भी झटके (Meghalaya Earthquake) महसूस किए गए. इससे पहले, 14 सितंबर को म्यांमार में भी 4.6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था. लगातार आ रहे भूकंप इस क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं.
भूकंप बार-बार क्यों आते हैं?
विशेषज्ञों का कहना है कि म्यांमार और पूर्वोत्तर भारत जिस भौगोलिक क्षेत्र में स्थित हैं, वहां कई टेक्टोनिक प्लेटें (Tectonic Plates) मिलती हैं. यही कारण है कि इस क्षेत्र में लगातार भूगर्भीय दबाव और बार-बार भूकंप आते रहते हैं. म्यांमार की सागाइंग फॉल्ट लाइन लगभग 1,400 किलोमीटर लंबी है और इसे देश के लिए एक बड़ा खतरा माना जाता है.
सतर्कता से कम होगा नुकसान
हालांकि इस बार किसी नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन लगातार आ रहे झटके एक चेतावनी हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप से बचाव का सबसे अच्छा तरीका तैयारी और जागरूकता है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने और अफवाहों से बचने की सलाह दी गई है.













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