DU के दशकों पुराने छात्र दे सकते हैं, अभी भी परीक्षा की हासिल की जा सकती है डिग्री

दिल्ली विश्वविद्यालय डिग्री प्रोग्राम पूरा न कर सकने वाले अपने पूर्व छात्रों को डिग्री पूरी करने का यह शताब्दी अवसर दे रहा है. शताब्दी अवसर एक ऐसी विशेष सुविधा है जिसमें वे छात्र अपना पंजीकरण करा सकते हैं जो किन्ही कारणों से डिग्री पूरी नहीं कर सके

दिल्ली विश्वविद्यालय (Photo Credits: PTI)

दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने पुराने छात्रों को एक बार फिर 'शताब्दी अवसर विशेष परीक्षा' में शामिल होने का अवसर दिया है. इसके डीयू के दशकों पुराने छात्र भी अगले 10 दिनों के भीतर परीक्षाओं के लिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं. पंजीकरण की अंतिम तिथि 27 फरवरी शाम 5 बजकर 30 मिनट तक है. यह भी पढ़ें: यूजीसी ने पूछा, राज्य बताएं की स्थानीय भाषा में कौन सी पुस्तकें उपलब्ध नहीं

दिल्ली विश्वविद्यालय डिग्री प्रोग्राम पूरा न कर सकने वाले अपने पूर्व छात्रों को डिग्री पूरी करने का यह शताब्दी अवसर दे रहा है. शताब्दी अवसर एक ऐसी विशेष सुविधा है जिसमें वे छात्र अपना पंजीकरण करा सकते हैं जो किन्ही कारणों से डिग्री पूरी नहीं कर सके.

दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन एग्जामिनेशन डीएस रावत ने बताया कि विशेष परीक्षा के लिए परीक्षा शुल्क 3000 रुपए प्रति पेपर होगा। वे छात्र इन परीक्षाओं के लिए पात्र हैं जो शैक्षणिक सत्र 2015-2016 के दौरान और उससे पहले दाखिला ले चुके हुए थे. छात्र ऑनलाइन छात्र पोर्टल लिंक का उपयोग करके अपना पंजीकरण फॉर्म भर सकते हैं.

दिल्ली विश्वविद्यालय के अंडर-ग्रेजुएट, पोस्ट-ग्रेजुएट, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष के सभी संबंधित पूर्व छात्र शताब्दी विशेष अवसर की परीक्षा 2022 के लिए पात्र हैं. इनमें नियमित, एनसीडब्ल्यूईबी, एसओएल और बाहरी सेल के छात्र शामिल है. दिल्ली विश्वविद्यालय के मुताबिक विश्व विद्यालय के लगभग 45 वर्ष पुराने छात्रों ने भी इस योजना में अपना पंजीकरण कराया था. यानी 60 बरस के पार पहुंच चुके दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र अब इस उम्र में भी अपनी डिग्री पूरी करने के इच्छुक हैं.

पंजीकरण फॉर्म भरने के बाद, छात्र आगे के संचार के लिए भरे हुए फॉर्म का प्रिंटआउट रख सकते हैं. उनके संबंधित संकाय विभाग या कॉलेज द्वारा पंजीकरण फॉर्म की पुष्टि के बाद अनंतिम प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा. परीक्षा फॉर्म भरने में किसी भी प्रकार के प्रश्न विसंगति के मामले में, छात्र अपने संबंधित कॉलेज से संपर्क कर सकते हैं.

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