लखनऊ, 4 जून: उत्तर प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों से कहा गया है कि वे चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार मरीजों को केवल जेनेरिक मेडिसिन ही लिखें. स्वास्थ्य विभाग के प्रिंसिपल सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा ने शनिवार को जारी सर्कुलर में निर्देशों को सूचीबद्ध किया है. सभी मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों और सरकारी अस्पतालों के निदेशकों को जारी आदेशों का पालने करने को कहा गया है.
सर्कुलर में कहा गया है कि अस्पतालों में प्रत्येक उपकरण (इक्विपमेंट) के काम करने की स्थिति को हर सोमवार को केयर ऐप पर अपडेट किया जाना चाहिए. यदि उपकरण लंबे समय तक काम नहीं करता है, तो अस्पताल विद्युत विंग के अतिरिक्त निदेशक से संपर्क करेगा. सीसीटीवी सर्किट होते ही इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर से प्रदेश के 108 अस्पतालों की लाइव मॉनिटरिंग जल्द शुरू होगी. ये भी पढ़ें- UP: वाराणसी पहुंचे सीएम योगी और अनुराग ठाकुर, काल भैरव व काशी विश्वनाथ मंदिर में की पूजा-अर्चना
शर्मा ने कहा कि ज्यादातर दवाएं दुकानों में उपलब्ध हैं. डॉक्टर केवल जेनेरिक दवाएं ही लिखेंगे, भले ही वे अस्पतालों में स्टॉक में न हों. एक विशेषज्ञ ने इसका महत्व बताते हुए कहा कि जेनेरिक दवाएं मरीजों के पैसे बचाती हैं. एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स के महासचिव डॉ अभिषेक शुक्ला ने कहा कि जेनेरिक मेडिसिन की लागत कम होती है.
इसके अलावा, डॉक्टरों को उनकी विशेषता के आधार पर मासिक जांच के अधीन किया जाएगा, आउटपेसेंट विंग में रोगियों की बड़ी और छोटी सर्जरी का डेटा स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा.