डॉक्टरों ने लड़की की गर्दन से 3.5 किलोग्राम की रसौली निकाली

बेंगलुरु में डॉक्टरों ने 15 साल की एक लड़की की गर्दन से 3.5 किलोग्राम की रसौली सफलतापूर्वक निकाली. यह रसौली सुरभि बेन के गर्दन से लेकर छाती तक फैली हुई थी और पिछले एक दशक से ज्यादा समय से वह उससे परेशान थी. डॉक्टरों ने इसकी पहचान ‘फाइब्रोमेटोसिस’ के रूप में की है.

ऑपरेशन रूम और प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits : Pixabay)

बेंगलुरु, 17 फरवरी : बेंगलुरु (Bengaluru) में डॉक्टरों ने 15 साल की एक लड़की की गर्दन से 3.5 किलोग्राम की रसौली (Neoplasia) सफलतापूर्वक निकाली. यह रसौली सुरभि बेन के गर्दन से लेकर छाती तक फैली हुई थी और पिछले एक दशक से ज्यादा समय से वह उससे परेशान थी. डॉक्टरों ने इसकी पहचान ‘फाइब्रोमेटोसिस’(Fibromatosis) के रूप में की है. ‘एस्टर सीएमआई अस्पताल’ में 21 डॉक्टरों की एक टीम ने फुटबॉल के आकार की रसौली हटाई. मंगलवार को अस्पताल ने एक बयान में बताया कि वह अपना जीवन अब सामान्य तौर पर जी सकती हैं.

सुरभि बेन का जन्म गुजरात के अमरेली जिले में खेतिहर मजदूर परिवार में हुआ था. वह जब बच्ची ही थी तभी उनके माता-पिता ने उनके चेहरे के आसपास गांठ देखी थी. बाद में यह उसके पूरे गर्दन तक पसर गई. सुरभि के परिवार ने कई डॉक्टरों को दिखाया. डॉक्टरों ने उन्हें बड़े शहरों के डॉक्टरों से ऑपरेशन के लिए संपर्क करने को कहा था. यह भी पढ़ें : Sidhi Bus Accident: मरने वालो का आंकड़ा बढ़कर हुआ 50, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

परिवार की आर्थिक स्थिति की वजह से इलाज का खर्चा उठा पाना संभव नहीं था और ऐसे में परिवार को बस किसी चमत्कार की उम्मीद ही रह गई थी. सुरभि ने बताया कि वह रसौली की वजह से कहीं जाने की स्थिति में नहीं थी. गर्दन में बेहद दर्द की वजह से पिछले साल उसे स्कूल भी छोड़ना पड़ा.

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