Dimple Yadav on UP government: यूपी सरकार की कार्यशैली को सुप्रीम कोर्ट ने गलत ठहराया; डिंपल यादव
Dimple Yadav

मैनपुरी, 13 नवंबर : सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि कार्यपालिका न्यायाधीश नहीं बन सकती है. बिना प्रक्रिया आरोपी का घर तोड़ना असंवैधानिक है. समाजवादी पार्टी (सपा) की मैनपुरी सांसद डिंपल यादव ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यशैली को कोर्ट ने गलत ठहराया है. ऐसी बातें लगातार समाजवादी पार्टी की ओर से कही जा रही थी कि यह असंवैधानिक है, कोई भी कानून प्रणाली को इसमें फॉलो नहीं किया गया है. यह ऐतिहासिक फैसला सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आया है, उत्तर प्रदेश सरकार की जो कार्यशैली रही उसे सुप्रीम कोर्ट ने गलत कहा है. यह भी पढ़ें : Maharashtra Elections 2024: पालघर में सीएम शिंदे के बैग और हेलीकॉप्टर की हुई चेकिंग; देखें Video

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान कि मैं योगी हूं और मेरा हर काम देश के लिए है, इस पर उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए अगर कोई काम अच्छे हुए होते तो कहीं न कहीं जो आज कालाबाजारी जिलों में देखने को मिल रही है वो न होता. खाद के लिए किसान परेशान हैं. खाद के लिए उन्हें ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं और किसानों को खाद की कालाबाजारी का सामना करना पड़ रहा है. इसी के साथ अगर रोजगार देखेंगे तो छात्रों के ऊपर जिस तरह से अन्याय हो रहा है, जहां नौकरियां नहीं मिल रही है. छात्रों पर लाठी डंडे बरसाए जा रहे हैं. लगातार सभी वर्गों के लोगों को यह लोग कहीं न कहीं हताश करते जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि मैं समझती हूं कि विचारधारा की लड़ाई है और जहां एक तरफ वह लोग हैं जो अन्याय करते हैं जो किसी को सम्मान देने का काम नहीं करते हैं, इस तरह की विचारधारा और नकारात्मक राजनीति का प्रयोग करके वोटों की राजनीति के लिए कुछ भी भाषण दे रहे हैं.

एक तरफ यह लोग हैं और एक तरफ वह लोग हैं जो हमेशा रोजगार की बात कर रहे हैं. कोई भी भ्रष्टाचार हो उसके लिए 10 साल का समय काफी है. उनके मंत्री लोग कुदाल लेकर पहुंचे थे, एक्सप्रेसवे पर भ्रष्टाचार ढूंढने के लिए लेकिन उनको कोई भ्रष्टाचार नहीं मिला तो मैं समझती हूं कि जो काम ही नहीं कर पा रहे हैं और जो दूसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं तो मेरा मानना है कि ऐसे लोगों को सबसे पहले कुछ काम करके दिखाना चाहिए.