नई दिल्ली, 7 फरवरी : भले ही भारत सरकार ने 138 सट्टेबाजी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया हो, लेकिन अपतटीय सट्टेबाजी और कैसीनो कंपनियां लाखों भारतीयों को अपने अवैध माल का विज्ञापन करने के लिए नए रास्ते तलाश रही हैं. ये प्लेटफॉर्म भारत में खेल टीमों, हस्तियों और उद्योग प्रायोजनों का बड़े पैमाने पर उपयोग करना जारी रखे हुए हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने आईटी अधिनियम की धारा 69 (ए) के तहत 138 सट्टेबाजी/जुआ वेबसाइटों और ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है. वे 'अवैध धन शोधन में शामिल थे और हमारे देश की वित्तीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे थे.' सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 2022 में डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म और टीवी चैनलों पर सट्टेबाजी के विज्ञापनों के खिलाफ दो एडवाइजरी जारी की थी. इसने अपतटीय सट्टेबाजी प्लेटफॉर्मो के खिलाफ एक सरोगेट प्रोडक्ट के रूप में समाचार का उपयोग करने और समाचारों की आड़ में सट्टेबाजी को बढ़ावा देने के खिलाफ भी चेतावनी दी थी. यह भी पढ़ें : ‘बचत, राहत एवं बढ़त’ की थीम वाला होगा राजस्थान का बजट, मुख्यमंत्री गहलोत ने दिए संकेत
फुटबॉल और कबड्डी दो ऐसे खेल हैं जिनमें सट्टा लगाने वाली कंपनियों का तांता लगा रहता है. स्टेक, एक ऑनलाइन कैसीनो, आईएसएल टीमों मुंबई एफसी और हैदराबाद एफसी परीमैच फुटबॉल टीम गोवा एफसी का मुख्य प्रायोजक है. सट्टेबाजी साइट, दाफा कबड्डी टीम तेलुगू टाइटन्स का प्रायोजक है, जबकि फेयरप्ले जयपुर पिंक पैंथर का भागीदार है. बॉलीवुड स्टार नरगिस फाखरी बेटवे की ब्रांड एंबेसडर हैं.
आईएएमएआई द्वारा आयोजित इंडिया एफिलिएट समिट, इसके भागीदारों और प्रायोजकों में से कुछ सबसे बड़ी सट्टेबाजी और कैसीनो कंपनियां हैं जिनमें परीमैच और राजाबैट शामिल हैं. इंडिया एफिलिएट समिट, जिसे 'भारत में सबसे बड़ा प्रदर्शन मार्केटिंग कार्यक्रम' के रूप में जाना जाता है, अक्टूबर 2023 में आयोजित किया जाएगा. परीमैच और खेलराजा 2022 शिखर सम्मेलन के सम्मानित वक्ताओं में से थे. आईएएमएआई ने हाल ही में कहा था कि यह ऑनलाइन गेमिंग के लिए प्रस्तावित सेल्फ-रेगुलेटरी ऑर्गेनाइजेशन (एसआरओ) बनाने के लिए सबसे उपयुक्त है.
मिंट को दिए एक इंटरव्यू में अब प्रतिबंधित सट्टेबाजी कंपनी परिमैच के सीईओ ने कहा कि ऑफशोर बेटिंग कंपनियां हर महीने 1 अरब डॉलर या सालाना करीब एक लाख करोड़ रुपए जमा करती हैं. यह अवैध सट्टेबाजी और कैसीनो क्षेत्र को वैध ऑनलाइन गेमिंग उद्योग से बड़ा बनाता है. लुमिकाई की स्टेट ऑफ इंडिया गेमिंग रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय गेमिंग उद्योग ने वित्त वर्ष 2022 में सिर्फ 2.6 अरब अमेरिकी डॉलर का राजस्व देखा.
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए नियमों का एक मसौदा जारी किया है और विभिन्न हितधारकों से प्रतिक्रिया आमंत्रित की है. आईएएमएआई ने कहा कि नियम 'इरादे पर सही हैं, लेकिन दायरे में खराब हैं.' भारत की चार सबसे बड़ी गेमिंग कंपनियों ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को लिखे एक पत्र में कहा था कि आईएएमएआई ने बयान को सार्वजनिक करने से पहले उनसे सलाह नहीं ली.