Delhi Pollution: पटाखों-आतिशबाजियों ने बिगाड़ी दिल्ली की हवा, एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर स्तर पर

दिवाली के दौरान पटाखे और आतिशबाजी ने दिल्ली का प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है. हांलाकि, मौसम में बदलाव, स्मॉग और आसपास के इलाकों में जलने वाली पराली भी इसका एक प्रमुख कारण है.

Delhi Pollution: दिवाली के दौरान पटाखे और आतिशबाजी ने दिल्ली का प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है. हांलाकि, मौसम में बदलाव, स्मॉग और आसपास के इलाकों में जलने वाली पराली भी इसका एक प्रमुख कारण है. इस मामले में आईएमडी दिल्ली के आरके जेनामणि ने बताया कि, दिवाली पर पटाखे फोड़ने और दिल्ली में बायो-मास प्रदूषकों की उपस्थिति के बाद आज समग्र वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में है.

उन्होंने कहा, दिल्ली की एयर क्वालिटी और कोहरे की स्थिति में एक बार हवा की गति बढ़ने के बाद सुधार होगा. मौसम में उच्च नमी के चलते ये स्थिति बनी है. प्रतिबंधों के बावजूद दिल्ली में जमकर पटाखे फोड़े गए और आतिशबाजी की गई. जिसके बाद गुरुवार को दिल्ली का आसमान धुएं के गुबार से ढंक गया वहीं शुक्रवार को यही हालात बने रहे.

इसके चलते राषट्रीय राजधानी दिल्ली में एयर इंडेक्स क्वालिटी ''गंभीर'' श्रेणी पर पहुंच गया. दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों के लोगों ने गले में खराश और आंखों से पानी आने की शिकायतें कीं, राष्ट्रीय राजधानी में एक जनवरी 2022 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर, उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी, पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार और पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में शाम सात बजे से पटाखे जलाए जाने के मामले सामने आए.

वहीं, गुरुग्राम और फरीदाबाद में उच्च-तीव्रता के पटाखे जलाये गए. हरियाणा सरकार ने भी दिल्ली से सटे क्षेत्रों समेत 14 जिलों में पटाखे की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था. विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान जताया कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों, पराली जलाने, पटाखे जलाये जाने और अन्य स्थानीय कारकों के चलते मध्यरात्रि तक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ''गंभीर'' की श्रेणी के करीब पहुंच सकता है.

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