Delhi Pollution: फिर गंभीर श्रेणी में पहुंचा दिल्ली का प्रदूषण, अगले कुछ दिनों तक नहीं मिलेगी राहत

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक्यूआई एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. दिल्ली की आबोहवा बुधवार को भी गंभीर श्रेणी में है. इसमें सुधार की अभी कोई संभावना नहीं है. न तो हवा चलने की उम्मीद है न ही तापमान में और ज्यादा गिरावट थमने की संभावना है.

Representational Image | PTI

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक्यूआई एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. दिल्ली की आबोहवा बुधवार को भी गंभीर श्रेणी में है. इसमें सुधार की अभी कोई संभावना नहीं है. न तो हवा चलने की उम्मीद है न ही तापमान में और ज्यादा गिरावट थमने की संभावना है. बुधवार शाम दिल्ली में AQI 401 दर्ज किया गया. दिल्ली के नेहरू नगर में AQI 450 दर्ज किया गया. दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को जल्द राहत मिलने की संभावना नहीं है. धीमी हवा, पराली के धुंए और तापमान में आ रही गिरावट के चलते फिलहाल प्रदूषण से राहत मिलने के आसार नहीं हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि अगले तीन दिन दिल्ली में प्रदूषण बेहद खराब श्रेणी के उच्चतम स्तर या गंभीर श्रेणी के निचले स्तर पर बना रहेगा. Air Pollution: क्या प्रदूषण के बीच मॉर्निंग वॉक पर जाना चाहिए? इन बातों का ध्यान रखना है बेहद जरूरी.

राष्ट्रीय राजधानी में हर रोज शाम चार बजे दर्ज किया जाने वाला पिछले 24 घंटे के दौरान का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 401 रहा. मंगलवार को यह 397 था. एक्यूआई सोमवार को 358 और रविवार को 218, शनिवार को 220, शुक्रवार को 279 और गुरुवार को 437 था.

वायु गुणवत्ता की निगरानी में विशेषज्ञता रखने वाली स्विस कंपनी आईक्यूएयर के मुताबिक, मंगलवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली पहले स्थान पर, ढाका दूसरे, लाहौर तीसरे और मुंबई चौथे स्थान पर था.

रोज 10 सिगरेट पीने को मजबूर

डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली की दूषित हवा में सांस लेना एक दिन में लगभग 10 सिगरेट पीने के हानिकारक प्रभावों के बराबर है. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक उच्च स्तर के प्रदूषण के संपर्क में रहने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी श्वांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और हृदयरोगों का खतरा भी बढ़ सकता है.

पानी के छिड़काव से मिलेगी राहत

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को प्रदूषण कम करने के लिए पूरी दिल्ली में पानी के छिड़काव के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की. दिल्ली सचिवालय के पास आयोजित कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण मंत्री ने हरी झंडी दिखाकर वॉटर स्प्रिंकलिंग मशीनों को रवाना किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पानी का छिड़काव करने के लिए 215 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गईं हैं. सभी 70 विधानसभा में 70 मोबाइल एंटी स्मॉग गन से छिड़काव कराया जाएगा.

उन्होंने कहा कि एक्यूआई को देखते हुए मंगलवार से पूरे दिल्ली में सड़कों पर 215 मोबाइल एंटी स्मॉग गन से पानी के छिड़काव का अभियान शुरू किया गया है. दिल्ली के सभी 70 विधानसभा में 70 मोबाइल एंटी स्मॉग गन से छिड़काव कराया जाएगा. साथ ही हॉटस्पॉट के लिए 60 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाईं गईं हैं. यह मोबाइल एंटी स्मॉग गन सुबह से शाम तक सड़क पर पानी का छिड़काव करेंगी.

दिल्ली में क्यों बढ़ रहा है प्रदूषण

राजधानी दिल्ली का वातावरण धुंध की चादर से पटा हुआ है. दिल्ली में प्रदूषण की वजह 66 फीसदी बाहरी है. इसमें सबसे बड़ी वजह पराली का धुआं है. एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली का अपना प्रदूषण 33 फीसदी के आस-पास है. इसमें सबसे बड़ी भूमिका गाड़ियों की है. राजधानी के 33 फीसदी प्रदूषण में ट्रांसपोर्ट की हिस्सेदारी 17 फीसदी है.

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