नई दिल्ली: राजधानी में हवा की गुणवत्ता (Air Quality) का स्तर लगातार और खराब होता जा रहा है. सोमवार सुबह दिल्ली (Delhi) के ज्यादातर इलाकों में AQI 450 के पार दर्ज किया गया. दिल्ली में इन दिनों कोरोना (Coronavirus) और प्रदूषण का डबल अटैक जारी हैं. एक तरफ जहां प्रदूषण के चलते सांस लेना मुश्किल है वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों ने दिल्ली वासियों की परेशानियों को बढ़ा दिया है. दिल्ली में प्रदूषण गंभीर श्रेणी में बना हुआ है. सुबह सवेरे ज्यादातर इलाकों में स्मॉग की मोटी चादर देखी गई, शाम के वक्त भी घना स्मॉग देखने को मिल रहा है. स्मॉग होने से विजिबिलिटी में भी कमी आई है.
सोमवार की सुबह दिल्ली के आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का लेवल 484, मुंडका में 470, ओखला फेज 2 में 465, वरीजपुर में 468, ITO में 472 दर्ज किया गया. वायु गुणवत्ता प्रणाली एवं मौसम पूर्वानुमान व शोध (सफर) ने बताया कि स्थिति में तब तक सुधार होने की संभावना नहीं है जब तक कि पराली जलाने की घटनाओं में भारी कमी नहीं आती है. दिल्ली: त्योहार और कोरोना लहर के दौरान नहीं होगा पेयजल संकट.
गंभीर श्रेणी में वायु प्रदूषण का स्तर-
Delhi: National capital continues to reel under pollution.
Air Quality Index (AQI) is at 484 in Anand Vihar, 470 in Mundka, 465 Okhla Phase 2 and 468 in Wazirpur, all in 'severe category', as per Central Pollution Control Board (CPCB). pic.twitter.com/XbqPNijpUv
— ANI (@ANI) November 9, 2020
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि पराली जलाए जाने की घटना में तेज वृद्धि के साथ ही हवा की गति और तापमान में गिरावट होने से गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगभग एक साल के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई. विशेषज्ञों ने बताया कि हवा की गति कम रहने, तापमान में गिरावट जैसी मौसम की प्रतिकूल स्थिति और पड़ोसी राज्यों से पराली जलने का धुआं आने से वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है.