दिल्ली ने विश्व वायु गुणवत्ता सूचकांक रैंकिंग में शुक्रवार को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर होने का प्राप्त किया दर्जा
विश्व वायु गुणवत्ता सूचकांक रैंकिंग पर एयर विजुअल के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली ने शुक्रवार को 527 एआईक्यू के साथ दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर होने का दर्जा प्राप्त कर लिया है. एयर विजुअल के आंकड़े लगातार अपडेट होते रहते हैं, लिहाजा दिन के दौरान रैंकिंग और एक्यूआई आंकड़े बदलते रहते हैं. इसके बाद लगातार नौ दिनों तक यह खतरनाक स्थिति में था.
विश्व वायु गुणवत्ता सूचकांक रैंकिंग (World Air Quality Index) पर एयर विजुअल के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली ने शुक्रवार को 527 एआईक्यू के साथ दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर होने का दर्जा प्राप्त कर लिया है. एयर विजुअल के आंकड़े लगातार अपडेट होते रहते हैं, लिहाजा दिन के दौरान रैंकिंग और एक्यूआई आंकड़े बदलते रहते हैं. एयर विजुअल के मुताबिक, पांच नवंबर को दिल्ली की वायु गुणवत्ता ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे और इसके बाद लगातार नौ दिनों तक यह खतरनाक स्थिति में था.
सार्वजनिक रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से दूषित वायु के बने रहने की यह सबसे लंबी अवधि रही. शीर्ष 10 प्रदूषित शहरों में से छह दिल्ली, लाहौर, कराची, कोलकाता, मुंबई और काठमांडू भारतीय उपमहाद्वीप में पड़ते हैं. यानी एशिया में वायु प्रदूषण दक्षिणी एशिया में केंद्रित हो गया है. इस श्रेणी में तीन भारतीय शहर हैं.
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तो ऐसे में यह स्पष्ट है कि वायु प्रदूषण की समस्या केवल उत्तर भारत में ही नहीं है, लेकिन दिल्ली का प्रदूषण कोलकाता के मुकाबले दोगना है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली का वायु प्रदूषण सूर्खियां बटोर रहा है और अब जब भारत विश्व स्तर पर सुपर पॉवर बनने की कोशिश में है तब राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की स्थिति वैश्विक पर्यटकों, निवेशकों और भारत के प्रति अंतर्राष्ट्रीय अवधारणा को कहीं न कहीं सही नहीं ठहरा रही है.