भारत के नाम जुड़ेगा एक और कीर्तिमान, 100% सौर ऊर्जा से होगा मेट्रो का परिचालन, पर्यावरण संरक्षण के साथ होगी करोड़ों की बचत

दिल्ली मेट्रो के नाम अब एक और कीर्तिमान जुड़नेवाला है. दरअसल आने वाले समय में दिल्ली मेट्रो ट्रेन सौर ऊर्जा पर चलने वाली है. सौर ऊर्जा के जरिए मेट्रो परिचालन तो होगा ही साथ ही स्टेशनों पर लगी स्वचालित सीढियां, लिफ्ट समेत दूसरे काम भी किए जाएंगे.

मेट्रो (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) के नाम अब एक और कीर्तिमान जुड़नेवाला है. दरअसल आने वाले समय में दिल्ली मेट्रो ट्रेन सौर ऊर्जा पर चलने वाली है. सौर ऊर्जा के जरिए मेट्रो परिचालन तो होगा ही साथ ही स्टेशनों पर लगी स्वचालित सीढियां, लिफ्ट समेत दूसरे काम भी किए जाएंगे. इसी सपने को साकार करने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को मध्य प्रदेश स्थित रीवा सौर ऊर्जा परियोजना से 27 मेगावॉट बिजली दी जा रही है.

जानकारी के मुताबिक ऐसा पहली बार हो रहा है जब डीएमआरसी को ‘ऑफसाइट स्रोत’ से बिजली उपलब्ध कराई जा रही है. दिल्ली मेट्रो प्रशासन ने कहा कि अब तक डीएमआरसी की छतों पर लगाए गए सौर संयंत्रों से मिली बिजली का इस्तेमाल लाइट जलाने, स्टेशनों और डिपो में एयर कंडिशन चलाने के लिए किया जाता है.

डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रीवा से आ रही सौर ऊर्जा से अब ट्रेनों को चलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि ऑफसाइट स्रोत से बिजली हासिल करने का समझौता 2017 में हुआ था.

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फिलहाल 27 मेगावॉट बिजली रीवा प्लांट से मिल रही है जो कि धीरे-धीरे बढ़कर 99 मेगावॉट हो जाएगी. अधिकारी ने बताया कि इस दिशा में काम चल रहा है. अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो 2021 तक दिल्ली मेट्रो 100 फीसदी सौर ऊर्जा पर चलने वाली दुनिया की पहली मेट्रो बन जाएगी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजधानी दिल्ली में चलने वाली मेट्रो को को सौर ऊर्जा पर दौड़ाने के लिए करीब 180-200 मेगावाट बिजली की जरुरत पड़ेगी. दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 371 किलोमीटर लंबा है. मौजूदा समय में दिल्ली मेट्रो प्रशासन खुद भी सौर उर्जा का निर्माण करता है. इसके लिए मेट्रो स्टेशनो और पार्किंग की छतों पर सोलर पावर प्लांट लगाया गया है जिससे करीब 28 मेगावाट बिजली उत्पन्न होती है.

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