दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) सोमवार को फैसला करेगा कि वर्तमान में जारी कोरोना महामारी के दौरान सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) के काम को जारी रखने की अनुमति दी जाए या नहीं. कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के दौरान चल रहे निर्माण कार्य को निलंबित करने की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की बेंच ने सुनवाई की है. बेंच ने इस पर अपना फैसला देने के लिए 31 मई की तारीख तय की है. दिल्ली हाईकोर्ट की वाद सूची (Cause List) शनिवार को सामने आई. कोर्ट ने ट्रांसलेटर अन्या मल्होत्रा (Anya Malhotra) और इतिहासकार और डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर सोहेल हाशमी (Sohail Hashmi) संयुक्त याचिका पर 17 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. यह भी पढ़ें- Central Vista Project: उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का नया आवास 2022 तक तैयार हो जाएगा.
दोनों ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट एक आवश्यक कार्य नहीं है और इसे कुछ समय के लिए रोका जा सकता है. उधर, विपक्षी दलों ने भी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की आलोचना करते हुए कहा है कि कोरोना महामारी के दौर में इसे जारी रखना सही नहीं था, जहां कई लोग हॉस्पिटल बेड, वैक्सीन, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाइयों को लेकर शिकायत कर रहे थे.
मालूम हो कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत एक नया संसद भवन, एक नए आवासीय परिसर के निर्माण की परिकल्पना की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री और उप-राष्ट्रपति के आवास के साथ-साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालयों के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण होना है. इसके अलावा प्रोजेक्ट के तहत डिफेंस सेक्टर के शीर्ष अधिकारियों और कर्मियों के लिए एक बड़ा ‘डिफेंस एंक्लेव’ (रक्षा परिवृति) तैयार किया जाएगा.
41 फीसदी लोगों ने किया समर्थन-
एबीपी-सी वोटर मोदी 2.0 रिपोर्ट कार्ड के अनुसार, जहां विपक्षी दल केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं, वहीं लगभग 41 फीसदी लोगों ने कोविड संकट के दौरान प्रोजेक्ट को शुरू करने और जारी रखने के सरकार के फैसले का समर्थन किया है. एबीपी-सी वोटर सर्वे के मुताबिक, 41.8 फीसदी लोगों का मानना है कि कोरोना काल में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को शुरू करने और जारी रखने का नरेंद्र मोदी सरकार का फैसला सही था. सर्वेक्षण में कहा है गया है कि शहरी क्षेत्रों में 48.5 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 38.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कोरोना काल में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्टके साथ आगे बढ़ने के सरकार के फैसले को सही बताया.
दूसरी ओर, 33.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि कोविड संकट के बीच प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना सरकार की ओर से सही नहीं था. सर्वेक्षण में कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में 29.5 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 35.7 प्रतिशत लोगों को लगता है कि यह एक अच्छा निर्णय नहीं था, जबकि कुल 24.4 प्रतिशत लोगों ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करना उचित नहीं समझा. यह सर्वे 23 मई से 27 मई के बीच देशभर में 12,070 लोगों पर किया गया था.