नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सीबीआई को इसके पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) से जुड़े रिश्वत मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच को पूरा करने के लिए चार महीने का और समय दे दिया. अदालत का आदेश केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) की जांच को पूरा करने के लिए समय बढ़ाने की मांग की याचिका पर आया है.
जांच एजेंसी ने अस्थाना, पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र कुमार और दो अन्य के खिलाफ मोइन कुरैशी मामले में दिसंबर 2017 और अक्टूबर 2018 के बीच कम से कम पांच बार रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी.
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अदालत ने 11 जनवरी को अस्थाना, कुमार और कथित बिचौलिए मनोज प्रसाद के खिलाफ प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया और सीबीआई को 10 हफ्ते के भीतर जांच खत्म करने का निर्देश दिया, जो 24 मार्च को समाप्त हो गया. अदालत ने कहा कि अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं.