नई दिल्ली, 25 जुलाई: दिल्ली हाईकोर्ट ने दो साल के बच्चे की कस्टडी उसके पिता को देने से इनकार कर दिया है हालांकि, कम उम्र को देखते हुए बच्चे के हित में महीने में दो बार रात में रूकने की इजाजत दी है न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने बच्चे की मां को कस्टडी देने के फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है. यह भी पढ़े: Delhi HC On consent For Sexual Relationship: दिल्ली HC का फैसला, पुरुष के साथ रहने के लिए महिला की सहमति यह आधार नहीं है कि उसने यौन संबंध के लिए भी इजाजत दी
पीठ ने फैमिली कोर्ट के अप्रैल 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली पिता की अपील को खारिज कर दिया, जिसमें मां को कस्टडी देने का आदेश दिया गया था पिता का तर्क इस दावे पर आधारित था कि जब बच्चा सिर्फ तीन महीने का था तो मां ने बच्चे को छोड़ दिया था वह अपना वैवाहिक घर छोड़कर चली गई थी तब से ही वह बच्चे की देखभाल कर रहा था.
हाईकोर्ट ने इन तथ्यों और मामले से जुड़ी परिस्थितियों पर ध्यान दिया और मां को कस्टडी देने के फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा महिला ने दावा किया कि जनवरी 2022 में उस व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा उसका शारीरिक शोषण किया गया था.
महिला ने आगे आरोप लगाया कि पिछले साल मार्च में, व्यक्ति और उसके परिवार ने बच्चे को उसके माता-पिता के घर से जबरन छीन लिया था इसके बाद महिला ने अपने बेटे की कस्टडी की मांग करते हुए फैमिली कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.