दिल्ली सरकार ने विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों और आबकारी नीति की अनदेखी की : भाजपा

'आबकारी नीति घोटाले' को लेकर आप के खिलाफ अभियान जारी रखते हुए भाजपा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों और आबकारी नीति की अनदेखी की.

बीजेपी (Photo Credits PTI)

नई दिल्ली, 23 अगस्त : 'आबकारी नीति घोटाले' को लेकर आप के खिलाफ अभियान जारी रखते हुए भाजपा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों और आबकारी नीति की अनदेखी की. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने यहां पार्टी मुख्यालय में लोकसभा सदस्य प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली आबकारी नीति कहती है कि एक ही व्यक्ति शराब निर्माता, खुदरा विक्रेता और वितरक नहीं हो सकता, मगर, उसका उल्लंघन किया गया.

त्रिवेदी ने कहा, "इसी तरह दिल्ली आबकारी नीति यह भी कहती है कि कॉमन डायरेक्टर या शेयरधारक नहीं हो सकते." उन्होंने दावा किया कि 25 अक्टूबर, 2021 को दिल्ली आबकारी विभाग ने उत्पादकों, खुदरा विक्रेताओं और वितरकों के कुछ मामले सरकार के संज्ञान में लाया था, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. पश्चिमी दिल्ली से भाजपा के लोकसभा सदस्य प्रवेश सिंह वर्मा ने कहा कि एक विशेषज्ञ समिति ने शराब की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए पदोन्नति के खिलाफ सिफारिश की थी, लेकिन दिल्ली सरकार ने बेचे जाने वाले हर कार्टन पर एक कार्टन मुफ्त देना शुरू कर दिया. यह भी पढ़ें : CBI ने बीरभूम हत्याकांड में ‘संलिप्तता’ के मामले में सात और लोगों को गिरफ्तार किया

वर्मा ने कहा कि विशेषज्ञ समिति ने कर्नाटक मॉडल का पालन करने का भी सुझाव दिया था, जिसमें सरकार थोक व्यापार के लिए जिम्मेदार है और यह भी कहा कि किसी भी व्यक्ति को एक से अधिक लाइसेंस नहीं दिया जा सकता. वर्मा ने आरोप लगाया, "विशेषज्ञ समिति ने गैर-वाणिज्यिक बाजारों के गैर-अनुरूप क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के खिलाफ भी सिफारिश की थी. लेकिन दिल्ली सरकार ने इन सभी सुझावों को नजरअंदाज कर दिया."

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