नई दिल्ली, 28 जनवरी : दिल्ली के शाहदरा इलाके में शुक्रवार को एक आवासीय इमारत में आग लगने की घटना में नौ महीने की बच्ची सहित परिवार के चार सदस्यों को खोने के बाद शनिवार को दो परिवारों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा. इमारत की चौथी मंजिल पर रहने वाले सत्या मिश्रा ने कहा कि घटना के वक्त वह मानसरोवर पार्क डीडीए फ्लैट्स में थे.
मिश्रा ने कहा, "मुझे शाम 5 बजे के आसपास मेरे पड़ोसियों का फोन आया, जिसमें उन्होंने मुझे हमारी इमारत में आग लगने की घटना के बारे में बताया. वहां जाने पर मैंने देखा कि आग चौथी मंजिल से भूतल तक फैल गई थी और हर कोई आग बुझाने की कोशिश कर रहा था. इमारत पूरी तरह धुएं से भर चुकी थी.'' शुक्रवार को इस इमारत में आग लगने से नौ महीने के शिशु सहित चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य झुलस गए. यह भी पढ़ें : Delhi Shocker: व्यक्ति पर चार लोगों ने चाकू से हमला किया और गोली मारी, चारों फरार
मृतकों की पहचान गौरी सोनी (40) और उनके बेटे प्रथम सोनी (17), रचना (28) और उनकी बेटी रूही (नौ महीने) के रूप में हुई है. घायलों की पहचान राधिका (16) और प्रभावती (70) के रूप में हुई है. दिल्ली फायर सर्विस (डीएफएस) के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा कि शाहदरा इलाके की एक इमारत में आग लगने की सूचना शाम 5.23 बजे मिली. गर्ग ने कहा, "कुल पांच दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया." गर्ग ने कहा, "शाम 6.55 बजे आग पर काबू पा लिया गया. आग भूतल पर वाइपर, रबर और कटिंग मशीन में लगी. इमारत में भूतल के अलावा चार मंजिलें हैं और क्षेत्रफल लगभग 50 वर्ग गज है."
एक फुटवियर प्रिंटिंग फैक्ट्री में कार्यरत रचना के पति विनोद ने कहा, "मैं आम तौर पर रात 9 बजे के आसपास अपने आवास पर लौटता हूं. हालांकि, शुक्रवार को मैं समय से पहले शाम 6 बजे के आसपास घर पहुंचा तो देखा कि हमारी इमारत में आग लग गई है. मुझे किसी से कोई सूचना नहीं मिली." विनोद ने कहा, "इसके बाद मैं तुरंत अस्पताल में पहुंचा और पाया कि मेरी नवजात बेटी और पत्नी, दोनों को मृत घोषित कर दिया गया था. हम इमारत की दूसरी मंजिल में रहते थे." इस घटना में तीसरी मंजिल पर रहने वाली गौरी और उनके बेटे प्रथम की भी मौत हो गई, जबकि गौरी का बच्चा बच गया.
गौरी के बहनोई योगेश सोनी ने कहा : "भूतल पर वाइपर उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले रबर के लिए एक भंडारण सुविधा मौजूद थी. हमें सूचित किया गया था कि किसी ने धूम्रपान के बाद सिगरेट फेंक दी वाइपर में आग लग गई. हालांकि, जांच के बाद आग के कारण निर्धारित किया जाएगा. योगेश ने कहा, "मेरी भाभी, भतीजे और भतीजी तीसरी मंजिल पर रहते थे. उनमें से मेरी भाभी और भतीजे की मौत हो गई, जबकि भतीजी बच गई. जाहिर है, ऐसा लगता है कि वे ऑक्सीजन की कमी के कारण दम घुटने से मर गए. वे नीचे उतर रहे थे, मगर सीढ़ी पर ही उनकी मौत हो गई.''