Delhi: शिक्षा मंत्री आतिशी और मेयर शैली ओबेरॉय ने प्रिंसिपलों से की बात, जाना ट्रेनिंग का अनुभव
दिल्ली नगर निगम के स्कूलों के 48 प्रिंसिपल आईआईएम अहमदाबाद से ट्रेनिंग करके लौटे हैं. आईआईएम में इन अध्यापकों को लीडरशिप, बच्चों को अच्छी शिक्षा देने और पेरेंट्स को शिक्षा में भागीदार बनाने की ट्रेनिंग दी गई है.
नई दिल्ली, 18 अगस्त : दिल्ली नगर निगम के स्कूलों के 48 प्रिंसिपल आईआईएम अहमदाबाद से ट्रेनिंग करके लौटे हैं. आईआईएम में इन अध्यापकों को लीडरशिप, बच्चों को अच्छी शिक्षा देने और पेरेंट्स को शिक्षा में भागीदार बनाने की ट्रेनिंग दी गई है. ट्रेनिंग लेकर लौटे प्रिंसिपलों से रविवार को दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी और दिल्ली नगर निगम की मेयर शैली ओबेरॉय ने मुलाकात की. अलग-अलग स्कूलों के प्रिंसिपल ने अपनी ट्रेनिंग से जुड़े अनुभव साझा किए.
दिल्ली नगर निगम के एक स्कूल की प्रिंसिपल पारुल जैन ने कहा कि आईआईएम में जाना किसी सपने की तरह था. वहां उन्हें वीआईपी जैसा महसूस करवाया गया. पहले तो लगा था कि आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर दुनिया के टॉप मैनेजरों को तैयार करते हैं, उन्हें एमसीडी स्कूलों की ज़मीनी हक़ीक़त नहीं पता होगी. लेकिन, ट्रेनिंग के दौरान ये भ्रम टूट गया. एक अन्य प्रिंसिपल सुशीला कुमारी ने कहा कि उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान सीखा कि कैसे पेरेंट्स को भी स्कूल में भागीदार बनाया जाए, ताकि बच्चों की अनुपस्थिति दूर हो. यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश: सौतेली बेटी से दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति को 20 वर्ष कारावास की सजा
शिक्षा मंत्री आतिशी के मुताबिक, अब तक एमसीडी स्कूलों के 350 से ज़्यादा प्रिंसिपल ट्रेनिंग ले चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब भी सरकारी स्कूल, सरकारी टीचर्स और प्रिंसिपल्स की बात आती है, देश की अवधारणा यह रहती है कि कि ये शिक्षक उदासीन रहते हैं. लेकिन, नगर निगम के इन प्रिंसिपलों ने इस अवधारणा को तोड़ा है. ये प्रिंसिपल्स अपने सहकर्मी टीचर और बच्चों में जोश, उत्साह और सकारात्मकता का संचार करेंगे.
उन्होंने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल का मानना है कि जब तक शिक्षकों को वर्ल्ड क्लास एक्सपोज़र नहीं मिलेगा, वह वर्ल्ड क्लास शिक्षा नहीं दे सकते. यही वजह है कि प्रिंसिपल्स को ट्रेनिंग के लिए आईआईएम भेजा गया. सरकारी स्कूलों के बच्चों को आप लोग शानदार शिक्षा दें. स्कूल में पढ़ने वाला हर बच्चा ये महसूस करे कि वह आपके लिए महत्वपूर्ण है. बच्चों में टैलेंट की कमी नहीं है, उन्हें राह दिखाने की जरूरत है.
दिल्ली की मेयर शैली ओबरॉय ने कहा कि एक प्रिंसिपल के ऊपर पूरे स्कूल को चलाने की ज़िम्मेदारी होती है, लेकिन 2022 से पहले तक एमसीडी में शिक्षकों और प्रिंसिपल्स पर ध्यान नहीं दिया जाता था. जबकि बच्चों की पढ़ाई से लेकर स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर तक की ज़िम्मेदारी प्रिंसिपल पर होती है. इसलिए, प्रिंसिपलों के मैनेजमेंट और लीडरशिप स्किल्स बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए उन्हें देश के टॉप मैनेजमेंट संस्थान आईआईएम में ट्रेनिंग के लिए भेज रहे हैं.