Delhi: दिवाली के पटाखे को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार बताने पर भड़की भाजपा, केजरीवाल सरकार से श्वेतपत्र लाने की मांग
दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय द्वारा दिल्ली के प्रदूषण के लिए दिवाली के पटाखे को जिम्मेदार बताने पर भड़की भाजपा ने केजरीवाल सरकार से दिल्ली में विभिन्न मौसमों में प्रदूषण के अलग-अलग कारणों और उनके समाधान पर एक सर्वदलीय बैठक बुला कर श्वेतपत्र लाने की मांग की है
नई दिल्ली, 13 नवंबर: दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय द्वारा दिल्ली के प्रदूषण के लिए दिवाली के पटाखे को जिम्मेदार बताने पर भड़की भाजपा ने केजरीवाल सरकार से दिल्ली में विभिन्न मौसमों में प्रदूषण के अलग-अलग कारणों और उनके समाधान पर एक सर्वदलीय बैठक बुला कर श्वेतपत्र लाने की मांग की है. यह भी पढ़ें: Delhi Air Quality Index: दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद जमकर हुई आतिशबाजी, वायु गुणवत्ता का बुरा हाल
भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल सरकार विजनलेस सरकार है जो दिवाली उत्सव के प्रति पक्षपाती है और हर साल सर्दियों के प्रदूषण का दोष दिवाली पटाखों की एक रात पर मढ़ने की कोशिश करती है.
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 4 नवंबर को आनंद विहार का एक्यूआई 498 था, तब क्या पटाखे चल रहे थे, जबकि दिवाली उत्सव के बाद सोमवार को एक्यूआई 250 के आसपास था. पिछले एक महीने से पूरी दिल्ली प्रदूषण की मार झेल रही है परंतु पंजाब की पराली, धूल और दिल्ली की ख़स्ताहाल सड़कों पर केजरीवाल चुप हैं.
सचदेवा ने आगे कहा कि पंजाब में पराली जलाने के कारण से 1 से 9 नवंबर की घुटन वाली हवा की तुलना में सोमवार को हवा काफी साफ थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई में पराली के कारण को चिन्हित किया था तथा प्रदूषण रोकने के लिए इन्हें कोई ठोस उपाय लाने को कहा था.
अरविंद केजरीवाल बतायें क्या कोई योजना उन्होंने न्यायालय के सम्मुख रखी? यह वास्तव में आश्चर्य की बात है कि दिल्ली के मंत्री गोपाल राय दिल्लीवासियों द्वारा पटाखे फोड़े जाने पर प्रदूषण का दोष बता रहे हैं जबकि दिल्ली मे प्रदूषण एक दो महीने की नहीं, बारह महीने की समस्या है.
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुऐ केजरीवाल सरकार को दिल्ली में प्रदूषण के लिए एक नीतिगत ऑल वेदर प्लान बनाना चाहिए. दिल्ली भाजपा मांग करती है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में विभिन्न मौसमों में प्रदूषण के अलग-अलग कारणों और उनके समाधान पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाकर श्वेत पत्र प्रस्तुत करे.