नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना से हालात बेहद खराब होते जा रहे है. दिल्ली (Delhi) में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामले तेजी के साथ बढ़ने की वजह से अस्पतालों में बेड्स के साथ ऑक्सीजन कम पड़ने लगे हैं. जिसकी वजह से कोरोना मरीजों के इलाज में काफी दिक्कत आ रही है. इस महामारी से लोगों की जान बचाने के लिए मदद के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal)ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखा है.
केजरीवाल की तरफ से लिखे पत्र में कहा गया है कि दिल्ली में कोरोना महामारी की स्थिति बहुत गंभीर है. बिस्तर, ऑक्सीजन की भारी कमी है. लगभग सभी ICU बेड्स भर गए हैं. अपने स्तर पर हम मदद कर रहे हैं. आपकी मदद की जरूरत हैं. केंद्र सरकार के अस्पतालों में जो 10,000 बेड्स हैं. इनसे से दिल्ली को सिर्फ 1800 मुहैया कराया गया है. लेकिन हम चाहते हैं कि दिल्ली को कम से कम 7,000 बेड कोरोना मरीज़ों के लिए रिज़र्व किया जाए. इसके साथ ही पत्र में अस्पतालों में ऑक्सीजन मुहैया कराने की मांग की गई है. पत्र में लिखा गया है कि दिल्ली की बिगड़ती हालत के बारे में शनिवार को केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को जानकारी दी है. यह भी पढ़े: COVID-19: दिल्ली में हर पल बदतर हो रहे हालात, रिक्त आईसीयू बेड की संख्या 100 से भी कम बची- अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal writes to Prime Minister Narendra Modi about prevailing #COVID19 situation in the national capital
He appealed to PM regarding urgent supply of oxygen & reservation of 7,000 beds out of central govt's 10,000 beds for COVID-infected patients pic.twitter.com/wagPVKyjBD
— ANI (@ANI) April 18, 2021
वहीं, इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली में हालात हर पल बदतर हो रहे हैं और यहां पर खाली आईसीयू बेड (ICU Beds) की संख्या 100 से भी कम बची है. इसको देखते हुए हम अगले 2-3 दिनों में यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 6,000 से अधिक हाई फ्लो ऑक्सीजन बेड लगाएंगे.
बता दें कि शनिवार को दिल्ली में बीते 24 घंटे में कोरोना के 24,375 नए मामले सामने आए. ये अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा संक्रमित मिलने का सबसे बड़ा आंकड़ा है. बीते 24 घंटे में 167 लोगों की मौत हुई. राहत की बात रही कि 15,414 मरीज ठीक हुए.